समस्या-
रामकिशन ने, बीकानेर, राजस्थान से पूछा है-
मेरा विवाह 11 अप्रैल 2005 में हुआ। उस समय मेरी और मेरी पत्नी की उम्र 18 वर्ष से कम थी। उसके बाद 2008 में मैंने मेरे ससुराल वालों को जो कि बीकानेर के ही गांव में रहते हैं, उनको विवाह पंजीयन के लिए बोला। उन्होंने विवाह पंजीयन प्रमाण पत्र विवाह की तारीख 11 अप्रैल 2005 का जारी करवा दिया। हम दोनों को इस विवाह से कोई परेशानी नही है। दोनों खुश है। अब प्रश्न यह है कि नाबालिग होने के बावजूद भी हमारा विवाह पंजीकरण हुआ है, क्या ऐसा करवाया जा सकता है? क्या मैं इसे सरकारी नौकरी के दस्तावेज परीक्षण में निसंकोच दिखा सकता हूँ? इसकी वैधानिकता को लेकर कोई अन्य व्यक्ति चुनोती तो नही दे सकता? अगर ये विवाह पंजीयन वैध नहीं है, तो इसे वैध पंजीयन करवाने का क्या तरीका है और क्या इसके लिए बाल विवाह अधिनियम के तहत मुझे कोई कानूनन दंड भी दिया जा सकता है?
समाधान-
आप की समस्या यह है कि आप बालविवाह को अवैध समझते हैं। आप की तरह और भी बहुत लोग ऐसा ही समझते हैं। यह सही है कि कोई भी वयस्क पुरुष किसी अवयस्क स्त्री से विवाह करता है तो तो वह पुरुष एक दंडनीय अपराध करता है। इस तरह यदि बाल विवाह के समय विवाह करने वाला पुरुष भी अवयस्क है तो उसने कोई अपराध नहीं किया है। किसी भी तरह के बाल विवाह का अनुष्ठान कराने वाला व्यक्ति भी बाल विवाह कराने का अपराध करता है और उसे दंडित किया जा सकता है। इसी तरह कोई पिता, संरक्षक या कोई भी अन्य पुरुष ऐसा बाल विवाह कराता है या ऐसे विवाह में उपस्थित या सम्मिलित होता है तो वह भी अपराध करता है और उसे भी दंडित किया जा सकता है।
आप अपने विवाह के समय वयस्क नहीं थे इस कारण से आप ने कोई अपराध नहीं किया है और इस के लिए दंडित नहीं किया जा सकता। बाल अपराध के मामले अधिकतम दो वर्ष तक के कारावास से दंडनीय हैं इस कारण अपराध घटित होने के दो वर्ष के उपरान्त कोई न्यायालय उस का प्रसंज्ञान नहीं ले सकता है। इस तरह आप का यह भय मिथ्या है कि आप को किसी तरह से दंडित किया जा सकता है। आप के बाल विवाह के लिए अब किसी को भी दंडित नहीं किया जा सकता है और न ही कोई मुकदमा दर्ज किया जा सकता है।
एक बार विवाह हो जाने के उपरान्त वह विवाह समान्य रूप से अवैध नहीं होता है। जहाँ तक बाल विवाह का प्रश्न है वह केवल उन माममों में अवैध होता है जब कि कोई बालक, जो अवयस्क है, विवाह के प्रयोजन के लिए,––
(क) विधिपूर्ण संरक्षक की देखरेख से बाहर लाया जाता है या आने के लए फुसलाया जाता है ; या
(ख) किसी स्थान से जाने के लए बलपूवर्क बाध्य कया जाता है या किन्हीं प्रवंचनापूर्ण साधन से उत्प्रेरित किया जाता है; या
(ग) विक्रय किया जाता है, और किसी रूप में उसका विवाह कराया जाता है या यदि अवयस्क विवाहित है और उसके पश्चात उस अवयस्क का विक्रय किया जाता है या दुर्व्यापार किया जाता है या अनैतिक प्रयोजन के लिए उसका उपयोग किया जाता है,
वहां ऐसा विवाह अकृत और शून्य होता है।
उक्त मामलों के सिवा सभी विवाह वैध होते हैं और उन का पंजीकरण कराया जा सकता है। आप का विवाह भी वैध है और उस का पंजीयन सही हुआ है। आप को उस को लेकर अब कोई भय नहीं होना चाहिए। आप के विवाह को दोनों पक्षकारों में से कोई भी विवाह योग्य उम्र प्राप्त कर लेने अर्थात आप के 21 वर्ष के होने तथा आप की पत्नी के 18 वर्ष के होने से दो वर्ष की अवधि में विवाह को समाप्त करने के लिए न्यायालय में आवेदन कर सकते थे। वह अवधि समाप्त हो चुकी है और अब आप के विवाह को किसी भी न्यायालय में चुनौती नहीं दी जा सकती है। आप अपने प्रमाण पत्र को सरकारी रिकार्ड में प्रस्तुत कर सकते हैं। उस की वैधानिकता को अब कोई चुनौती नहीं दी जासकती है और न ही किसी आप के विवाह के लिए किसी को भी दंडित कराने के लिए कोई मुकदमा दर्ज कराया जा सकता है।