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बिजली कनेक्शन में किराएदार द्वारा की गयी छेड़छाड़ और बिल भुगतान हेतु मकान मालिक ही जिम्मेदार

समस्या-

लक्ष्मण सिंह ने इन्दौर, मध्यप्रदेश से पूछा है-

मैं मकान मालिक हूँ और मेंने किरायेदार के विरुद्ध रेन्ट कण्ट्रोल एक्ट में मकान खाली करवाने के लिए इंदौर कोर्ट में केस चला रखा है। किरायेदार बिजली का बिल टाइम पर नहीं  भर रहा था तो हमने बिजली विभाग में कई बार शिकायत की कि जो भी बिजली वह उपयोग कर रहा है उसकी वसूली उससे ही हो मुझसे नहीं। क्योंकि वर्तमान में उपयुक्त मीटर/ कनेक्शन से किरायेदार बिजली चोरी कर रहा है। बाद में कई महीनों तक बिजली का बिल नहीं भरने के कारण बिजली का कनेक्शन बंद हो गया और इलेक्ट्रिसिटी का मीटर भी विद्युत मंडल वाले निकाल कर ले  गए। उसके बाद में किरायेदार नया तार डाल कर बिली चोरी करने लगा। हमें जब पता चला तो हमने विद्युत विभाग में उसकी शिकायत करी। तब भी विभाग के लोगों ने कुछ नहीं किया। फिर हमने मुख्यमंत्री हेल्प लाइन पर शिकायत करी तब विभाग वालों ने आकर उसकी चोरी की केबल का तो कुछ नहीं किया और हमारी केबल निकाल कर ले गए। दोबारा शिकायत करने पर विंभाग वाले आये और उसकी केबल निकाल कर जब्त करी और पंचनामा बना दिए। पंचनामा में किरायेदार के ही हस्ताक्षर है हमारे घर के किसी भी सदस्य के हस्ताक्षर नहीं हैं। मकान बड़ा है और चोरी की बिजली सिर्फ किरायेदार के यहाँ ही जल रही थी, मकान में नहीं। फिर भी विभाग वाले लोगों ने पंचनामा हमारे नाम से बना दिया और बोल रहे हैं कि आप मकान मालिक हो बिजली का बिल तो आपको ही भरना पड़ेगा बिल ४० हज़ार का है। मुख्यमंत्री हेल्प लाइन में दोबारा शिकायत करने पर वो मुख्यमंत्री हेल्प लाइन के पोर्टल पर तो एक्सेप्ट कर रहे है कि बिजली चोरी किरायेदार द्वारा की गई परन्तु पंचनामा हमारे नाम पर बनाया है और कोर्ट में केस भी हमारे नाम पर लगाया है। मैं क्या करूँ कि वसूली हमसे न होकर बिजली चोरी करने वाले से हो। किरायेदार भाग  जाने की स्तिथि में वसूली हमसे न हो उसके लिए क्या करूँ? लगातार शिकायत करने के बाद बिजली विभाग ने विभाग के वकील से बात करवाई तो उनका वकील बोल रहा है की कियेदार का नाम ऐड कर देगा बिजली चोरी के केस में। क्या मेरा नाम हट सकता है? किरायेदार भाग जाने पर वसूली मुझसे न हो उसके लिए क्या करूँ? क्या विभाग की कार्यवाही के विरुद्ध हाईकोर्ट में जा सकता हूँ, जिससे मेरा नाम हट सके?

समाधान-

आप मकान मालिक हैं और बिजली कनेक्शन आपके नाम से है। इस कारण बिजली कनेक्शन में जो भी बिजली उपभोग हुआ है उसके बिल का भुगतान करने के लिए आप जिम्मेदार हैं। बिजली विभाग को किराएदार से कोई लेना देना नहीं है। जब किराएदार ने बिजली का बिल भरना बन्द कर दिया तब आपको चाहिए था कि आप उसका कनेक्शन कटवा देते। लेकिन आप बिजली विभाग में किराएदार की शिकायत करते रहे। उनका किराएदार से कोई लेना देना नहीं था तो वे आपकी शिकायत क्यों सुनते?

बिजली कनेक्शन बिजली की राशि का भुगतान नहीं होने के कारण काट दिया गया। आपके अनुरोध पर नहीं काटा गया है। अब जो बिजली चोरी की जा कर इस्तेमाल की जा रही है वह भी आपके मकान में ही की जा रही है। इस कारण से बिजली चोरी के लिए मकान का मालिक प्राथमिक रूप से जिम्मेदार है। उन्होंने उसी हिसाब से आपके विरुद्ध बिजली चोरी का मुकदमा बना दिया है। आपने समय रहते बिजली विभाग को शिकायत की थी जिसके आधार पर बिजली विभाग का वकील किराएदार का नाम मुकदमे में जोड़ने को तैयार है तो आपको उसका नाम जुड़वा लेना चाहिए।

जब किराएदार का नाम अपराधिक शिकायत में अभियुक्त के रूप में जुड़ जाए तब आप उच्च न्यायालय के समक्ष दण्ड प्रक्रिया संहिता की धारा 482 में रिवीजन आवेदन प्रस्तुत कर अपना नाम हटवाने की प्रार्थना कर सकते हैं।

आप अपराधिक मुकदमे में आपके द्वारा की गयी शिकायतों के आधार पर अपना बचाव कर सकते हैं। लेकिन यदि कोई पेनल्टी होती है या फिर किसी तरह की धनराशि बिजली कंपनी द्वारा आपसे वसूली जाती है तो आप वह राशि अपने किराएदार से वसूल सकते हैं। इसके लिए आपको दीवानी वाद संस्थित करना होगा। हमारी यह राय आपके द्वारा हमें दी गयी सूचनाओं के आधार पर दी जा रही है। बेहतर यह है कि आपके जो भी वकील आपका मुकदमा लड़ रहे हैं। आप उनसे परामर्श करें और उनकी राय के अनुसार कार्यवाही करें।

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