समस्या-
अभिषेक शर्मा ने भागलपुर बिहार से पूछा है-
मेरा पुश्तैनी मकान है जिस पर मेरे पिताजी ने अपनी मर्जी से स्टाम्प पेपर पर हस्ताक्षर करवाया कि तुम अपनी मर्जी से अपना हिस्सा दे रहे हो,पर मेरी मर्जी नहीं थी। मुझ से टॉर्चर कर के कुछ पैसे दे कर हस्ताक्षर करवाए। क्या अब मैं अपना हिस्सा ले सकता हूँ क्या? हस्ताक्षर मेरे और दो गवाहों के हैं। कृपया बताएँ कि मुझे क्या करना चाहिए।
समाधान-
आप के पिता ने आप का अपना हिस्सा उन के हक में छोड़ने के लिए आप से कोई दस्तावेज लिखाया है। इस तरह उन्हों ने आप का हिस्सा अपने नाम हस्तान्तरित करने का प्रयत्न किया है। 100 रुपए से अधिक मूल्य की किसी भी अचल संपत्ति या उस के हिस्से का हस्तान्तरण बिना उप पंजीयक के यहाँ पंजीकृत दस्तावेजके बिना होना असंभव है।
आप के पिता को यही करना था तो या तो अपने नाम रिलीज डीड आप से निष्पादित करवा कर उस का पंजीकरण करवाना था। चूँकि आप को उन्हों ने कुछ पैसे भी दिए हैं तो यह एक प्रकार से भूमि का विक्रय भी है जिस का भी पंजीकरण होना जरूरी था। पंजीकरण के लिए यह आवश्यक था कि आप को उपपंजीयक के समक्ष ले जाया जाए और वहाँ के रजिस्टरों पर तथा दस्तावेज की दूसरी प्रति पर भी आप के हस्ताक्षर कराए जाएँ।
यदि इस तरह का कोई हस्तान्तरण दस्तावेज पंजीकृत नहीं हुआ है तो पिता द्वारा इस तरह का दस्तावेज लिखा लेने से कोई फर्क नहीं पड़ता है। आप पुश्तैनी संपत्ति में अपना हिस्सा प्राप्त करना चाहते हैं तो तुरन्त बंटवारे तथा अपना हिस्सा अलग कर उस का पृथक कब्जा देने के लिए वाद सक्षम न्यायालय में संस्थित करें, तथा उक्त संपत्ति या उस के किसी भी हिस्से को बेचने या किसी भी प्रकार से खुर्द-बुर्द करने पर रोक लगवाएँ।