अतुल ओडेरा ने पोरबन्दर, गुजरात से समस्या भेजी है कि-
મેરા નામ અતુલ હે ઔર મે ગુજરાત સે હુ. મેરી શાદિ કો ૩ સાલ હુએ હૈ ઔર એક બેટા હે ૧ સાલ કા. મેરી પત્નિ કો અબ મેરે સાથ નહિ રેહના હે ઉસે સિર્ફ અલગ રેહકર પૈસો સે મતલબ હે. મે અપને બેટે કે લીયે અપની પત્નિ સે અલગ નહિ હોના ચાહતા પર ઉસે સિર્ફ પૈસે ચાહિયે સાથ નહિ રેહના ચાહ્તી ઔર ઉસને ભરણ પોશણ કા કેસ કર દિયા હે. ક્રુપિયા કુછ ઉપાય બતયે મે ક્યા કરુ.
मेरा नाम अतुल है और मैं गुजरात से हूँ। मेरी शादी को 3 साल हुए हैं और मेरा एक बेटा है, एक साल का। मेरी पत्नी को अब मेरे साथ नहीं रहना है उसे सिर्फ अलग रह कर पैसों से मतलब है। मैं अपने बेटे के लिए अपनी पत्नी से अलग नहीं होना चाहता पर उसे सिर्फ पैसे चाहिए, साथ नहीं रहना चाहती। उस ने भरण पोषण का केस कर दिया है। कृपया कुछ उपाय बताएँ, में क्या करूँ।
समाधान-
यह आप का आकलन है कि आप की पत्नी को सिर्फ पैसे चाहिए और वह आप के साथ नहीं रहना चाहती है। आखिर कोई तो कारण होगा जिस के कारण वह आप के साथ नहीं रहना चाहती है। नहीं रहने का कोई तो कारण बताती होगी। जब तक आप अपनी पत्नी का आप के साथ नहीं रहने का वास्तविक कारण न जान लें और उस का निदान करने का प्रयत्न न करें ऐसी समस्या तो आप के सामने आएगी ही। आप को अपनी पत्नी से तसल्ली से बात करनी चाहिए। यदि आपस में बात करने का अवसर न मिलता हो तो किसी मध्यस्थ के माध्यम से बात करें अन्यथा किसी काउंसलर की मदद लें।
आप ने अपनी समस्या के आवश्यक विवरण भी नहीं बताए कि पत्नी ने भरण पोषण का मुकदमा कहां किया है? कितना भरण पोषण मांगा है? वह अभी आप के साथ रह रही है अथवा अलग रह रही है। यदि अलग रह रही है तो आप के नगर में है अथवा अपने मायके में या कहीं और? यदि अलग रह रही है तो अलग रहने का कारण अपने आवेदन में क्या बताया है? और आप का बच्चा आप के साथ है या पत्नी के साथ है। इस सारे विवरण के बिना तो कोई अवतार भी शायद ही आप की समस्या का कोई ठीक-ठाक हल भी नहीं बता पाएगा।
पत्नी और आप के बीच कोई न कोई समस्या तो है जरूर, पर शायद उसे आप नहीं बताना चाहते। यदि कोई मरीज अपना मर्ज छुपाएगा तो कोई भी डाक्टर उस का इलाज नहीं कर सकता। यदि उस ने कोई कारण नहीं बताया है तो आप सीधे कह सकते हैं कि वह स्वयं आप के साथ बिना किसी कारण नहीं रहना चाहती ऐसी स्थिति में वह भरण पोषण प्राप्त करने की अधिकारी नहीं है।
प्रतिदिन आप की ही तरह बिना किसी विवरण के लोग हमें समस्याएँ भेजते हैं। हम उन समस्याओं का हल नहीं कर सकते, क्यों कि वास्तव में पूरी समस्या हमारे पास पहुँचती ही नहीं है तो हम हल कैसे सुझाएँ? फिलहाल आप के विरुद्ध जो मुकदमा भरण पोषण के लिए हुआ है उस में किसी स्थानीय वकील से राय करें और मुकदमा ठीक से लड़ें। इस के अतिरिक्त कोई अन्य सुझाव हम आप को या अन्य उन लोगों को नहीं दे सकते जो आप की तरह बिना विवरण की समस्या हमें प्रेषित करते हैं।