युसुफ ने जयपुर, राजस्थान से समस्या भेजी है कि-
मेरा निकाह 17 जून 2012 को अहमदाबाद, गुजरात में हुआ था। मैं एक पैर से विकलांग हूँ (40%) और मेरी बीवी की एक आँख खराब है। निकाह से पहले उसके घरवालों ने उसे स्वस्थ बताया था। मगर निकाह होने के बाद जब वो 6-7 माह बाद भी गर्भवती नहीं हुई तो उसने मुझे बताया कि उसे कभी महावारी नहीं हुई है और सिर्फ़ दवा लेने के बाद ही महावारी आती है। उसके घर से एक मैसेज भी आया कि इसे यह दवा लाकर देना, इसे बिना दवा माहवारी नहीं आती क्योंकि इसकी बच्चेदानी छोटी है और यह कभी माँ नहीं बन सकती। यह सुन कर मुझे दुख हुआ। मैं उससे नाराज़ भी रहने लगा। इस बीच उसके पिता जी घर पर आकर उसे ले गए और कहा कि मैं इसका इलाज करवाकर भेज दूँगा। मगर जब 2 साल गुजर गये। हमने कहा कि मैं लेने आ रहा हूँ तो उन्होने कहा की हमें लड़की भेजनी नहीं है। हमें तो 10 लाख रुपए चाहिए। मैं ने उसे वकील के ज़रिए नोटिस भिजवाया। मैं तुझे रखना चाहता हूँ मगर उन्होंने जवाब नहीं दिया। दूसरा नोटिस भेजा तो लेने से इनकार कर दिया। मैं क्या करूँ मैं दोनो तरह से राज़ी हूँ। अगर जवाब नहीं आता है तो क्या मैं उसे तलाक़ भेज सकता हूँ।
समाधान-
आप दो नोटिस भेज चुके हैं। उस के बाद भी आप की बीवी आप के साथ आ कर रहने को तैयार नहीं है। आप ने उसे लेने आने के लिए कहा तो उस ने आप के पास आने से इन्कार कर दिया। वैसी स्थिति में आप का अपनी पत्नी को तलाक देना वाजिब है। लेकिन अब भारत में कानूनी स्थिति यह है कि तलाक तीन बार में होना चाहिए। इन तीन तलाकों के बीच दोनों पक्षों के बीच सुलह का मौका होना चाहिए। दोनों पक्षों के एक एक प्रतिनिधि इस का प्रयत्न करें और प्रयत्न असफल होने पर तीसरा तलाक दिया जाए।
इस के लिए आप स्थानीय काजी साहब या फिर अहमदाबाद के काजी साहब की मदद भी ले सकते हैं। तीनों तलाक के गवाह होने चाहिए। जिन काजी साहब ने आप का निकाह पढ़ाया हो पहला तलाक देने के साथ ही पहले तलाक के दस्तावेज की कापी उन्हें भेजते हुए आप अलग से पत्र में लिख कर कह सकते हैं कि वे समझौता कराने की कोशिश करें। दूसरे और तीसरे तलाक की कापियाँ भी उन्हें भेज सकते हैं। तीनों तलाकों पर गवाहों के दस्तखत होने चाहिए।