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भू-अभिलेख में संशोधन के लिए जिला कलेक्टर को आवेदन दें

समस्या-

विक्की ने डीडवाना जिला नागौर से पूछा है –

एक कृषि भूमि 36 बीघा का एक ही खसरा था, जिसमें मेरे पिता एवं ताऊजी के हिस्से 9-9 बीघा एवं एक अन्य खातेदार के 18 बीघा भूमि थी। आज से 8-10 साल पहले मेरे ताऊजी ने अपना हिस्सा बेच दिया। उसके साल भर बाद 18 बीघा के  खातेदार ने बाकी दोनों के बिना नक्शे वाले फॉर्म पर हस्ताक्षर करवा के म्युटेशन व तरमीम करवा ली। वर्तमान में हमें जरुरत पड़ने पर नक्शा निकलवाया तो मौजूदा कब्जे से अलग-अलग नक्शा तीनों खातेदार का निकला उसमे तरमीम गलत थी। अब १८ बीघा में से जिस हिस्सेदार ने गलत तरमीम करवाई थी उसका हिस्सा उसके बाकी भाइयो ने निकलवा दिया। हमें सुझाव दें कि  मौके पर कब्ज़ा अनुसार अगर सभी खातेदार सहमत हो तो गलत तरमीम एवं म्युटेशन कैसे सही हो सकता है। कोर्ट द्वारा या दूसरा तरीका हो तो उसकी भी राय देने की कृपा करें।

समाधान-

हमें लगता है कि आपकी समस्या आप ठीक तरह से नहीं रख सके हैं। जब ताऊजी ने अपना हिस्सा बेचा तो जमीन के खाते में ताऊजी का नाम हट उन के हिस्से की जगह खऱीददार का हिस्सा दर्ज होना चाहिए था।  इसी तरह 18 बीघा के स्थान पर भी उसके खरीददार का हिस्सा दर्ज होना चाहिए था।  इसके बाद खाते में  आपके हिस्से 9 बीघा जमीन बची रही होनी चाहिए थी। यदि ऐसा है तो नामान्तरण सही है। उसकी तरमीम की जरूरत नहीं है। नक्शे में तो पूरी 36 बीघा जमीन के खसरा अपनी जगह होगा। तीनों के अलग अलग हिस्से नक्शे में केवल बँटवारा हो कर तीनों के अलग अलग खाता होने पर ही प्रदर्शित होना संभव है। यदि खाते अलग अलग हो चुके हैं और नक्शा त्रुटिपूर्ण है तो उसे तरमीम कराया जा सकता है।

राजस्थान भू-राजस्व अधिनियम की धारा-136 इसी बारे में है। इस के अन्तर्गत आप तीनों खातेदार संयुक्त रूप से आवेदन दे कर इस त्रुटि को दूर करवा सकेंगे। यह आवेदन आपको जिला कलेक्टर के समक्ष प्रस्तुत करना होगा। तीनों एक साथ आवेदन करेंगे तो यह त्रुटि आसानी से ठीक हो जाएगी। आप स्वयं अकेले भी यह आवेदन कर सकते हैं, लेकिन तब शेष दोनों पक्षों को इस मामले में नोटिस दिए जाएंगे। इसे आप कोर्ट का काम ही समझें। बेहतर है कि जिला स्तर पर किसी वकील की मदद से यह आवेदन प्रस्तुत कराएँ।  

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