दिनेश कुमार शर्मा ने पूछा है – – –
शिमला में हमारा एक घर है जो हमें हमारी दादी की बहिन ने उपहार में दिया था। उन के कोई संतान नहीं थी और हमारा पूरा परिवार उन्हीं के साथ जिला सोलन (हिमाचल प्रदेश) रहता था। हमारे सामने समस्या यह है कि हमारे पास इस मकान का पूरा नियंत्रण नहीं है क्यों कि दादी की बहिन का भतीजा इस मकान में पिछले साठ वर्ष से रहता है। उन का एक और घर शिमला में है। लेकिन फिर भी वे इस घर को खाली नहीं करते हैं। उस का कोई किराया नामा भी नहीं लिखा हुआ है।हम चाहते हैं कि मकान पूरी तरह से हमारे कब्जे में आ जाए। सभी कानूनी दस्तावेज हमारे पक्ष में हैं। कृपया बताएँ कि हमारी समस्या कैसे हल हो सकती है?
उत्तर – – –
दिनेश जी,
आप ने जैसा बताया है कि उक्त मकान के स्वामित्व के सभी वैधानिक दस्तावेज आप के पक्ष में हैं। यदि ऐसा है तो फिर आप की दादी के भतीजे की स्थिति उस मकान में एक अतिक्रमी की है। चूंकि उस के पास मकान के एक भाग का कब्जा लंबे समय से चला आ रहा है इस कारण से बिना कोई विधिक कार्यवाही किए उस से कब्जा वापस नहीं लिया जा सकता है।
आप को उस से कब्जा लेने के लिए कब्जे का दावा (suit for possession) संस्थित करना होगा। इस संबंध में आप को तुरंत दीवानी विधि के स्थानीय वकील से संपर्क कर के उस व्यक्ति को कानूनी नोटिस दिलवाना चाहिए कि वह उक्त मकान में अतिक्रमी है और एक निश्चित अवधि में मकान खाली कर उस का कब्जा आप को सौंप दे। इस नोटिस में दी गई निश्चित अवधि के समाप्त हो जाने के उपरांत आप को मकान के उस हिस्से का कब्जा प्राप्त करने के लिए दीवानी वाद दाखिल कर देना चाहिए।
यह वाद कितने समय चलेगा। इस संबंध में स्थानीय वकील ही स्थिति स्पष्ट कर सकते हैं क्यों कि मुकदमा चलने की अवधि पूरी तौर पर स्थानीय परिस्थितियों पर निर्भर करती है।