ओमप्रकाश वनकार ने गोशमहल, बारादरी, हैदराबाद. तेलंगाना से समस्या भेजी है कि-
मेरी पत्नी के कूर स्वभाव, कारण तो कई हैं. कुछ मुख्य कारण हैं कि, मैं शाकाहारी और वह मांसाहारी वो मुझे मांसाहार और वाइन पीने के लिये कहती है और महिला मंडली की धमकी देती है कि पुलिस में “दहेज के केस” में तुझे पिटवाऊंगी, घर का काम नहीं करना, (मैं शॉप को जाने के बाद, भोजन बनाकर खाना, शॉप से घर को आने के बाद फिर से झगड़ा शुरू. अगर मैं-मैं चुप-चाप रहता हूँ तो कहती है कि तू मुझे इस तरह पुकार-पुकार के मारना चाहता है, मेरे पर शॅंक करना, मेरे भाभियों के साथ मेरे संबंघ बताना और मेरे बड़े भाई पर उसे छेड़ना का आरोप लगाना. जब कि हम 3 ब्रदर हैं और हम एक ही शॉप (प्रिंटिंग प्रेस) में काम करते हैं. हमारे शॉप को आने-जाने का समय एक-सा रहता है. मेरे 2 बेटियाँ हैं। पत्नी लड़कर 27 एप्रिल, 2015 को अपने मायके चली गई और महिला सुरक्षा सेल में हमारे खिलाफ शिकायत दर्ज करा दी. हमें नंगी-नंगी गाली-गलोच, मेरी पत्नी और उस के भाई ने दी हैं उस की हमारे पास वाइस रेकॉर्ड है.
समाधान-
अभी कुछ दिन पहले ही हम कह चुके हैं कि पति-पत्नी के विवादों के लिए अधिकांशतः सांस्कृतिक अन्तर बहुत बड़ा कारण है। जब विवाह करना होता है तो यह देखते ही नहीं कि पत्नी की आदतें, खान-पान और रहन सहन कैसा है। पति पत्नी को साथ रहना होता है और परिवार में रहना होता है। अक्सर पत्नी पति के परिवार में आ कर रहती है। यदि उस के खान-पान, आदतों और रोजमर्रा के व्यवहार में बहुत अधिक अन्तर होता है तो वह कभी भी पति और उस के परिवार के साथ समायोजन बना नहीं सकती। इन सब चीजों का पता विवाह के पहले होना चाहिए। पर हम तो वस्तुतः एक लड़की को कोरा वस्तु समझते हैं और बहू बना लाते हैं और सोचते हैं आखिर हमारे परिवार में हमारी तरह रहना होगा।
लेकिन कोई लड़की या स्त्री वस्तु नहीं होती, केवल समझी जाती है। वह एक जीता जागता इंसान होती है। वह सोचती है कि जब आप पत्नी के लिए अपनी आदतें नहीं बदल रहे हैं तो वही क्यों बदले। जब उस के मायके में पिता, माता और भाई उस का साथ देने वाले होते हैं तो यह जिद बहुत गंभीर रुप धारण कर लेती है, और जब कानून पत्नी का साथ देने वाला हो तो और भी मुश्किल खड़ी हो जाती है। इतने बरस से लोग हाँका लगा रहे हैं कि कानून स्त्रियों का साथ देता है। क्यों न दे। क्यों कि अधिकांश स्त्रियाँ तो कुछ ही समय में ससुराल के परिवार के सामने हथियार डाल देती हैं। चन्द स्त्रियाँ ही इस तरह जिद पर आती हैं जैसे आप की पत्नी है। होना तो यह चाहिए था कि पत्नी या जीवनसाथी के चुनाव का तरीका बदलना चाहिए था।
हमें नहीं लगता कि आप की समस्या का हल सफल दाम्पत्य में हो सकता है। वायस रेकार्डिंग पत्नी द्वारा किए गए मुकदमों में आप के बचाव के सबूत के रूप में प्रस्तुत की जा सकती है। पर आप को जैसे तैसे यह विवाह विच्छेद करना होगा। आप को चाहिए कि आप सीधे सीधे सहमति से विवाह विच्छेद के लिए प्रयास करें। पत्नी को उस का स्त्री धन और स्थाई पुनर्भरण की राशि दे कर सहमति से विवाह विच्छेद का मार्ग तलाशें।