समस्या-
पटना, बिहार से मनमोहन कुमार ने पूछा है-
मेरे पिता जी के देहान्त के बाद मेरे बड़े भाई को अनुकम्पा नियुक्ति प्राप्त हुई। लेकिन बड़े भाई का भी देहान्त अगस्त 2012 में सेवा में रहते हुए हो गया। माता जी का देहान्त फरवरी 2012 में हो चुका था। हम दो भाई व दो बहनें हैं सब की शादी हो चुकी है। बड़े भाई की कोई पत्नी नहीं थी और न ही कोई संतान है। तो क्या भाई की भविष्य निधि की राशि छोटे भाई को मिल सकती है? उस के लिए मुझे क्या करना होगा?
समाधान-
आप के बड़े भाई के पत्नी नहीं थी और कोई सन्तान भी नहीं थी। ऐसी स्थिति में हिन्दू उत्तराधिकार अधिनियम की अनुसूची के दूसरे भाग के अनुसार आप दोनों भाई और दोनों बहिनें आप के बड़े भाई के उत्तराधिकारी हैं। आप चारों भाई के भविष्य निधि की राशि, उन के विभाग में जो कुछ भी उन की मृत्यु के उपरान्त देय राशियाँ हैं वे सभी, बैंक में जमा भाई की राशियाँ, बीमा की राशि तथा अन्य किसी भी संपत्ति पर आप चारों का बराबर का अधिकार है।
आप को भाई के विभाग में, बैंक खातों में तथा बीमा इत्यादि की राशि प्राप्त करने के लिए जिला न्यायाधीश के न्यायालय से उत्तराधिकारी प्रमाणपत्र प्राप्त करना होगा। इस के लिए आप को पहले विभाग में यह पता करना चाहिए कि आप के भाई की मृत्यु के कारण क्या क्या राशियाँ उन के उत्तराधिकारियों को देय हैं और वह कितने रुपए की राशि है। फिर इन राशियों का विवरण देते हुए आप को जिला न्यायालय को उत्तराधिकार प्रमाण पत्र प्राप्त करने के लिए आवेदन करना होगा। यह आवेदन आप चारों भाई बहन एक साथ संयुक्त रूप से भी कर सकते हैं तथा आप अकेले भी कर सकते हैं लेकिन तब आप को आप के शेष तीनों भाई-बहनों को विपक्षी पक्षकार बनाना होगा। चारों जिस के लिए सहमत होंगे उस के नाम उत्तराधिकार प्रमाण पत्र जारी हो जाएगा। यदि सहमत नहीं होंगे तो चारों को एक चौथाई राशि का उत्तराधिकारी घोषित कर दिया जाएगा। तदुपरान्त आप विभाग से इस प्रमाण पत्र के आधार पर राशियाँ प्राप्त कर सकते हैं। उत्तराधिकार प्रमाण पत्र प्राप्त करने के लिए आप को जिला मुख्यालय पर प्रेक्टिस कर रहे किसी वकील की सहायता प्राप्त करनी होगी।