समस्या-
जयपुर, राजस्थान से अभिराम ने पूछा है-
मैं जयपुर के एक निजी विश्वविद्यालय [सुरेश ज्ञान विहार उनिवर्र्सिटी] में असिस्टेण्ट प्रोफेसर के पद पर पिछले 2 साल से कार्यरत था। मेरे ही साथी द्वारा गलत अंक अपलोड कर देने के कारण मुझे टर्मिनेट कर दिया क्यों कि यह मेरे विषय का मामला था। अब मेरा पूरे महीने का वेतन 25,500/- रुपये सुरेश ज्ञान विहार यूनिवर्सिटी के चेयरमैन ने रोक रखा है, वह देना नहीं चाहता है। मुझे क्या करना चाहिए?
उत्तर-
आप का प्रश्न स्पष्ट नहीं है। ऐसा प्रतीत होता है कि आप को सेवा से दुराचरण के आरोप में निष्कासित किया गया है। यह तो आप को दिए गए सेवा समाप्ति आदेश से ही स्पष्ट हो सकता है। यदि दुराचरण के आरोप के कारण आप को सेवा से पृथक किया गया है और किसी तरह की जाँच की गई है या नहीं की गई है तो भी आप सेवा से निष्कासित करने के इस आदेश के विरुद्ध राजस्थान अराजकीय क्षैक्षणिक संस्थाएँ अधिकरण के समक्ष अपने में चुनौती दे सकते हैं।
इसी आवेदन में आप आप के बकाया वेतन की वसूली के लिए भी अपनी प्रार्थना सम्मिलित कर सकते हैं। इस के लिए आप को जयपुर में इस अधिकरण के समक्ष पैरवी करने वाले किसी अच्छे वकील से संपर्क करना चाहिए तथा उस की सलाह और मदद से यह आवेदन प्रस्तुत करना चाहिए।