मेरा अपना अच्छा धंधा है। मेरी शादी को साल भर होने को है। जब मेरे पापा मेरे लिए रिश्ता देख रहे थे, तभी उन के एक परिचित ने मेरे पापा को बोला कि एक अच्छी लड़की मेरे ध्यान में है। वे मेरे ससुर के घर मेरे पापा को ले गए। पापा ने लड़की देखी, सुंदर थी और अच्छी भी लगी। तो पापा ने कह दिया कि हमें लड़की पसंद है। मेरे ससुर ने देखा कि अच्छा पैसे वाला लड़का मिल रहा है तो मुझे देखे बिना ही रिश्ता मंजूर कर लिया और बोला कि शादी आठ दिन के अंदर अंदर करूंगा। हमने पूछा कि क्यों? तो बोला कि. मेरा चाचा बीमार हैं और चंद दिनों के मेहमान हैं। ऐसे में हम ने भी हाँ कर दी और आठ दिनों में ही शादी हो गई। शादी होने के बाद मेरा ससुर रोज हमारे घर आने लगा और कभी कुछ तो कभी कुछ बिजनेस प्लान लेकर आता। मेरे पापा को लगा कि यह हमें लूटने की कोशिश कर रहा है, तो पापा ने कह दिया कि हमें कोई काम नहीं करना। फिर पापा से बोला कि मेरे ऊपर कर्ज हो रहा है, मुझे सात लाख रुपया कर्ज चाहिए,मेरी इज्जत जा रही है। मेरे पापा ने उसे पचास हजार नकद और एक लाख का चैक दे दिया और कहा कि अभी रकम का इंतजाम नहीं है। जब आएँगे तो और मदद कर देंगे।
फिर एक दिन मैं अपनी ससुराल गया तो मेरा ससुर बोला तुम अपनी जायदाद का हिस्सा ले कर मेरे साथ मुम्बई चलो, मैं तुम्हें वहाँ शेयर का काम करवा दूंगा। मै ने कहा मैं अपने परिवार को छोड़ कर कहीं नहीं जाऊंगा। उन दिनों मेरी पत्नी ने मेरे पिता को दूध में जहर डाल कर पिला दिया। हम पापा को अस्पताल ले गए और वहाँ इलाज करवाया। मेरे दो भाभियाँ भी हैं, तो हमें पता नहीं चला कि किस ने जहर दिया है। मैं ने मेरी पत्नी से पूछा तो उस ने बताया कि मेरे पापा ने मुझ से कहा था इस लिए जहर मैं ने दिया। मैं ने पूछा कि तुम्हारे पापा ने ऐसा क्यों किया? तो बोली कि आप का धन हड़पने के लिए। इस पर हम इकट्ठे हो कर उस के घर गए तो मेरा ससुर हमारे पैरों में गिर गया और बोला गलती हो गई। मेरे पापा ने बोला कि छोड़ दो, गलती इंसान से होती है। हमने छोड़ दिया। फिर सब कुछ ठीक चल रहा था कि कुछ दिनों के बाद मेरी पत्नी मायके गई और जब मैं उसे वापस ले कर आया तो मुझे विश्वास नहीं था। इस कारण उस की तलाशी ली, तो फिर से उस के पास से जहर की पुड़िया निकली। मैं ने पूछा कि फिर क्यों? तो रोने लगी कि मेरे पापा मुझे बेचना चाहते हैं और मुझ से जबरन यह सब काम करवाते हैं। आप मुझे तलाक दे दो जिस से उन का उल्लू सीधा हो जाए। मेरे पापा ने यह सुन कर लड़की पर भरोसा कर बैठे और उसे माफ कर दिया।
उस के बाद मेरा ससुर भाग गया और हम ने मेरी पत्नी का मायके आना जाना बंद कर दिया। मेरी सास फोन पर लड़की से बात करती थी तो मैं ने फोन में टेप लगा दिया। माँ फोन पर कहती कि तू लड़के से तलाक ले ले। हमें पता लगा है कि उस का हार्ट और किडनी खराब है। कभी कहती कि लड़का शराब पीता है, हमने देखा था। फिर हम ने फोन भी बंद कर दिया, और मिलना भी। एक महिने हमने नहीं भेजा तो वह रोती और कहती कि मेरे पापा खराब हैं, तो मेरे भाई से तो मिलने दो। हमने जाने दिया और थाने में लिखवा दिया कि लड़की राजी खुशी अपने मायके जा रही है। लेकिन मायके पहुँचते ही दहेज मांगने के आरोप लगाने शुरू कर दिए। लड़की अपने बाप से भी गंदी निकली। मैं ने थाने पर लिखवा कर उसे भेजा था इस लिए वह दहेज का मुकदमा न कर सके। मैं ने उस के स्कूल से पता किया तो वह सतरह
साल की निकली। जब कि उस के पापा ने शादी के पहले बीस साल की होना बताया था। उस ने उमर में भी फर्जीवाड़ा कर लिया। मैं अब मेरी पत्नी से छुटकारा पाना चाहता हूँ और मेरे ससुर को सजा दिलवाना चाहता हूँ। बाल विवाह अधिनियम के तहत अपनी शादी रद्द करवा कर अपना जीवन सुधारना चाहता हूँ। आप बताएँ कि मैं क्या करूँ? मेरी पत्नी न तो तलाक दे रही है और न ही आने के लिए तैयार है। ऐसी पत्नी को मैं रखना भी नहीं चाहता हूँ। मेरी समस्या सीक्रेट रखी जाए मैं आप की राय का इंतजार करूंगा।
अनाम भाई, सारी गलतियाँ आप की और आप के पिता जी की हैं। आप ने एक अरेंज्ड मेरिज की है। अरेंज्ड मैरिज का सब से बड़ा लाभ ही यह था कि वहाँ सामने वाला परिवार परिचित हुआ करता था। उस के बारे में सारी जानकारी उपलब्ध रहती थी। दोनों के कुछ कॉमन रिश्तेदार होते थे जो संबंधों का दबाव रखते थे। आप के पिता जी और आप ने कम उम्र की खूबसूरत लड़की के सिवा और क्या देखा? कुछ भी तो नहीं। बिना जाने बूझे आप ने शादी कर ली। किसी लड़की के साथ जब आप को सारा जीवन निर्वाह करना है तो उस के मायके के परिवार से भी तो आप अलग नहीं रह सकते, वह भी तब जब कि वह परिवार आप के नगर में ही रहता हो। फिर जब आप से कहा गया कि विवाह एक सप्ताह में ही करना है, तो संदेह तो होना ही चाहिए था। यदि यह रिश्ता न होता, तब आप का ससुर कैसे इतनी जल्दी विवाह करता? उस समय सब कुछ पता कर के ही हाँ करना चाहिए था। खैर गलती तो हो गई सो हो गई।
उस के बाद, जब पहली बार आप के ससुर ने रुपयों की सहायता मांगी, तब भी आप को जानकारी करनी चाहिए थी कि वास्तविकता क्या है? लेकिन आप के पिताजी ने उसे रुपए दे दिए। फिर जहर वाली घटना। वह एक गंभीर घटना थी। किसी व्यक्ति की जान लेना या उस का जीवन हर लेने का प्रयास करना एक अपराध है। ऐसा अपराध जो कि दण्ड प्रक्रिया संहिता में घायल की अनुमति से और न्यायालय की अनुमति से भी क्षम्य नहीं है। आप ने उस जघन्य अपराध को भी क्षमा कर दिया। इस तरह इस अपराध को छुपा कर आप ने न केवल अपने प्रति अपराध किया, अपितु समाज और देश के प्रति भी अपराध किया है।
अब प्रश्न यह है कि आप के पास इस सारी समस्या से निकलने का रास्ता क्या है? एक रास्ता जो आप ने सोचा है वह तलाक का है। लेकिन आप ने विवाह तो समझ बूझ कर किया था। लड़की नाबालिग भी रही हो तो भी हिन्दू विधि में हुआ विवाह इसी कारण से अवैध नहीं होता। इस लिए बालविवाह प्रतिषेध अधिनियम आप को तलाक हासिल करने में कोई मदद नहीं कर सकता। यदि आप को तलाक लेना ही है तो क्रूरता आदि के अन्य आधारों की खोज करनी होगी। यदि वे आधार उपलब्ध हों तो आप तलाक ले सकते हैं।
मेरा सुझाव है कि सब से पहले तो आप को यह करना चाहिए कि, आप के ससुर व आप की पत्नी ने आप के विरुद्ध एक षड़यंत्र रचा है, जिस से आप को धोखा दिया जा सके और आप की संपत्ति हड़पी जा सके। उन्हों ने आप के पिता जी से चैक के माध्यम से एक लाख रुपया भी ले लिया है। आप के पिता जी ने इस चैक और पचास हजार की रसीद भी अवश्य ही ली होगी। आप इन सब तथ्यों और जहर देने के प्रकरण का उल्लेख करते हुए अपनी पत्नी और ससुर के विरुद्ध पुलिस थाने में मुकदमा दर्ज करवाएँ। यदि पुलिस मुकदमा दर्ज नहीं करती है तो आप अदालत में सीधे परिवाद प्रस्तुत कर सकते हैं। अदालत खुद जाँच कर सकती है या फिर पुलिस को अन्वेषण करने के लिए मामला