तीसरा खंबा

संपत्ति का स्वामित्व राजकीय रिकार्ड में कैसे दर्ज कराएँ?

 राबिया अछनेरा, आगरा से प्रवीण गोयल पूछते हैं________________

हमारे गाँव में हमारे पूर्वजों द्वारा हमारे स्वामित्व की भूमि पर बनाया गया एक मंदिर है।  जिस की व्यवस्था हमारा परिवार ही देखता आ रहा है।  लेकिन सरकारी रिकार्ड में कहीं भी वह हमारी संपत्ति के रूप में दर्ज नहीं है।  यह मंदिर किसी अन्य का स्वामित्व भी रिकार्ड में दर्ज नहीं है। हम रिकार्ड में अपना स्वामित्व कैसे दर्ज करवा सकते हैं?

उत्तर____________________

प्रवीण जी,
मंदिर और जिस भूमि पर वह स्थित है वह एक संपत्ति है।  संपत्ति के स्वामित्व का प्रारंभिक महत्वपूर्ण साक्ष्य उस पर लम्बे समय से कब्जा है।  आप के पूर्वजों ने इस मंदिर का उन की स्वयं की भूमि पर निर्माण किया है और तब से ले कर आप का परिवार उस मंदिर की व्यवस्था देखता है।  इस तरह से मंदिर पर आप का कब्जा लम्बे समय स्थापित है।  इस कारण से उस संपत्ति पर आप का कानूनी स्वामित्व भी है। अब केवल इस बात का प्रश्न रह गया है कि राजकीय रिकार्ड में कैसे यह दर्ज हो कि वह संपत्ति आप के स्वामित्व की है?

आप दीवानी अदालत में इस आशय का घोषणा हेतु एक वाद प्रस्तुत कर सकते हैं कि यह मंदिर और इस की भूमि आप के स्वामित्व की है।  एक बार आप दीवानी अदालत के समक्ष अपनी मौखिक साक्ष्य और दस्तावेजी साक्ष्य प्रस्तुत कर यह साबित करें कि उस संपत्ति पर आप का लम्बे समय से कब्जा है, आप ही उक्त मंदिर की देखभाल करते आए हैं।  तो दीवानी न्यायालय इस बात की घोषणा की डिक्री पारित कर देगी कि यह संपत्ति आप के परिवार के स्वामित्व की है।  इस घोषणात्मक डिक्री के आधार पर आप राजकीय रिकार्ड में उक्त संपत्ति पर अपने स्वामित्व का अंकन करवा सकते हैं।

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