हरियाणा से हरीश कुमार पूछते हैं…..
मैं ने एक दुकान एक डेंटिस्ट को सोलह वर्ष पूर्व किराए पर दे रखी है। यह डेंटिस्ट फर्जी है। मुझे अपने भतीजे को वहाँ नया धंधा कराने के लिए चाहिए। कृपया मुझे उचित सलाह दीजिए।
उत्तर……
हरीश जी!
जिस किसी को भी आप ने दुकान दी है। वह जीवन में कभी भी दुकान का मालिक नहीं हो सकता। वह हमेशा ही किराएदार रहता है। प्रत्येक राज्य में किराएदार से परिसर चाहे वह आवासीय हो या व्यावसायिक कुछ विशेष आधारों पर खाली कराए जा सकते हैं। आप के प्रश्न से स्पष्ट है कि आप के पास दो मजबूत आधार उपलब्ध हैं जिन के कारण आप अपने डेंटिस्ट किराएदार से दुकान खाली करा सकते हैं। पहला आधार तो यह है कि आप को उस व्यावसायिक परिसर की आप के भतीजे के धंधे के लिए सद्भाविक और युक्तियुक्त आवश्यकता है। दूसरा आधार यह है कि आप का किराएदार आप से किराए पर लिए गए परिसर में अवैधानिक गतिविधियाँ चला रहा है।
आप को इस के लिए जहाँ परिसर स्थित है, वहाँ का क्षेत्राधिकार रखने वाली दीवानी अदालत या किराया अधिकरण जो भी हो वहाँ एक वाद या अर्जी दाखिल करनी होगी। इस काम को कोई दीवानी का सिद्ध-हस्त वकील कर सकता है। इस के लिए उसी अदालत में पैरवी करने वाले किसी समझदार और वरिष्ठ वकील से मिल कर अपनी समस्या बताएँ। वह आप की समस्या का हल आप को बता देगा। यदि आप को लगे कि वह उचित उपाय बता रहा है तो उसे अपना मुकदमा लड़ने के लिए वकील कर लें। हाँ वकील चुनने का काम पूरी सावधानी से करें। उस के बारे में यह जानकारी कर लें कि वह आप का काम कराने के लिए उपयुक्त है अथवा नहीं।
आप दीवानी कार्यवाही के अतिरिक्त एक काम और कर सकते हैं। यदि आप का किराएदार डेंटिस्ट फर्जी है तो आप उस की शिकायत पुलिस से कर सकते हैं। इस से पुलिस उस के विरुद्ध कार्यवाही करेगी और उस का धंधा बन्द हो जाएगा। इस से आप को उस से अपना परिसर खाली कराने में मदद मिलेगी। यह कोई गलत काम नहीं है क्यों कि कोई भी व्यक्ति जो अवैधानिक काम कर रहा है उस की सूचना पुलिस को देना हर व्यक्ति का कर्तव्य है।