तीसरा खंबा

सम्पत्ति को हानि पहुँचाए जाने की आशंका हो तो पहले से निषेधाज्ञा का वाद संस्थित करें।

समस्या-

विशाल ने हरिनगर, हरियाणा से पूछा है-

हमारा एक प्लॉट था 21 X 66 का जिसमें 2 मकान बने हुए थे। 2018 में बँटवारा हो चुका था। अब मेरे हिस्से में एक बना बनाया कमरा आया है ओर मेरा भाई पूरे मकान को तोड़ कर अपने मकान बना रहा है। मुझे भी मकान बनाना है।   मैं यह जानना चाहता हूँ कि अगर वो तुड़ाई करवाते वक़्त लापरवाही से मेरे मकान को भी मेरे पीछे से तुड़ा दे या कमरे को नुकसान पहुँचाने की नियत से मजदूरों से तुडवा दे तो मैं क्या कानूनी करवाई कर सकता हूँ?

समाधान-

आपने अपनी समस्या को जिस रूप में हमारे सामने प्रस्तुत किया है। उससे प्रतीत होता है कि आप को आशंका है कि आप का भाई उसके हिस्से का मकान तुड़वा कर आपके हिस्से के कमरे को नुकसान पहुँचा सकता है या उसे गिरा सकता है। इस आशंका का कारण क्या है यह आपने नहीं बताया है।

आपने वर्ष 2018 में बंटवारे का उल्लेख किया है, लेकिन यह बँटवारा कैसे हुआ है? क्या बँटवारे का कोई दस्तावेज लिखा गया है? यदि लिखा गया है तो क्या वह पंजीकृत है? यदि पंजीकृत नहीं है तो वास्तविक बँटवारा होने और उसके हिसाब से सब के अपने अपने हिस्से पर काबिज हो जाने के उपरान्त बँटवारे का कोई मेमोरेंडम लिखा गया है? यदि बँटवारानामा उप पंजीयक के यहाँ पंजीकृत नहीं कराया गया है तो उसका कानून के समक्ष कोई मुल्य नहीं है। यदि मेमोरेंडम लिखा गया है तो क्या वह कानूनी रूप से सही है इसकी जाँच करनी होगी।

यदि बँटवारे का कोई वैध दस्तावेज नहीं है तो बँटवारा नहीं माना जाएगा और अभी भी मकान संयुक्त सम्पत्ति ही माना जाएगा। वैसी स्थिति में आप अभी भी अपनी ओर से बँटवारे का वाद संस्थित कर के सम्पत्ति को तोड़ने तथा उस पर निर्माण कराने पर रोक लगाने का वाद संस्थित कर सकते हैं और अस्थायी निषेधाज्ञा प्राप्त कर सकते हैं।

यदि बँटवारे का कोई वैध दस्तावेज मौजूद है तो आप अपने कब्जे की संपत्ति को नुकसान पहुँचाने या उस सीमा में किसी तरह का कोई निर्माण करने से रोकने के लिए स्थायी निषेधाज्ञा का वाद संस्थित कर अस्थायी निषेधाज्ञा प्राप्त कर सकते हैं।

यदि आप पहले से कोई कार्यवाही नहीं करना चाहते हैं तो आप को यह साबित करने के लिए कि आज की स्थिति क्या है, अपनी सम्पत्ति के कुछ फोटो जिन पर तिथि अंकित हो बनवा कर रख लेना चाहिए। जिससे उसे नुकसान पहुँचाए जाने की स्थिति में आप हर्जाने का वाद संस्थित कर सकते हैं। लेकिन इस तरह के वाद में राहत बहुत देरी से मिलती है और जब मिलती है तब उसका कोई अर्थ नहीं रह जाता है। इसलिए बेहतर है कि आप पूर्व में बताया गया उपाय आपकी सम्पत्ति को हानि होने से पहले ही कर लें। यही उपाय कारगर है।

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