तीसरा खंबा

125 दं.प्र.सं. के आदेश से निर्धारित भरण पोषण राशि को कम करने के लिए धारा 127 दं.प्र.सं. में आवेदन करें।

rp_Desertion-marriage.jpgसमस्या-

आरिफखान ने पाटदी, गुजरात से समस्या भेजी है कि-

मारी शादी को 4 साल हुए हैं और बहुत कोशिश करने के बाद हमारा घर संसार नहीं चला। हमारी एक बेटी है। मुझ पर उन्होंने 125 दं.प्र.संहिता का मुकद्दमा दाखिल कर दिया है, कोर्ट ने मेरी पत्नी की 3000 और मेरी बेटी की 2000 खोराकी का हुक्म दिया है, जो मेरे लिए बड़ी रकम है। मैं ने कम करने के लिए एडवोकेट की सलाह पर ऊपरी अदालत में अपील नहीं की। अभी 6 महीना गुजर चुका है। तब मेरा बिज़नेस अच्छा चल रहा था तो मैं ने खोराकी लगतार दी। लेकिन अब बिजनेस मंदी के कारण अच्छा नहीं चल रहा है। तो क्या मैं खोराकी कम करने के लिए क्या कर सकता हूँ?

 

समाधान-

धारा 125 दंड प्रक्रिया संहिता में उन आधारों का वर्णन है जिन के आधार पर न्यायालय भरण पोषण भत्ता निर्धारित करती है। इस में एक आधार यह भी है कि पति की आय किस प्रकार की है। अब आप की आय कम हुई है तो उस आधार में अन्तर आया है।

धारा 127 दंड प्रक्रिया संहिता में यह उपबंध है कि यदि धारा 125 में जिन आधारों पर भरण पोषण अदा करने का आदेश प्रदान किया जाता है उन्हीं आधारों पर उसे कम भी किया जा सकता है। आप की आय कम हुई है तो आप धारा 127 में उसी न्यायालय में जिस ने धारा 125 में भरण पोषण का आदेश दिया था आवेदन प्रस्तुत कर यह प्रार्थना कर सकते हैं कि आप की आय कम हो गयी है इस कारण आप अब इतना भरण पोषण अदा करने में असमर्थ हैं।

स धारा के अन्तर्गत आप को अपनी साक्ष्य से यह साबित करना होगा कि आप की आय अब कम हो गयी है और भरसक प्रयत्न करने पर भी पहले जैसी नहीं हो पा रही है।

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