तीसरा खंबा

15 वर्ष से अधिक के बालक का दत्तक ग्रहण परंपरा साबित करने पर ही वैध हो सकता है।

Adoptionसमस्या-

संदीप सोमानी ने चिरमिरी, छत्तीसगढ़ से समस्या भेजी है कि-

मेरी उम्र ३१ वर्ष है। मुझे मेरी बुआ द्वारा बचपन में ही समाजिक रूप से गोद ले लिया गया था और २००१ में क़ानूनी रूप से 17 वर्ष की आयु में गोद लिया गया जिसे पंजीयक कार्यालय में पंजीयन भी कराया गया. मेरी बुआ सरकारी जॉब करती है और वह मुझे अपना जॉब देना चाहती है, लेकिन उनके ऑफिस के हेड ऑफिस द्वारा कहा जा रहा है कि 17 की उम्र में गोदनामा गलत है .. और आपको जॉब नहीं दिया जा सकता। क्या उन का ये कहना सही है। ….जब कि उस गोदनामे में सामाजिक रूप से गोद का उल्लेख किया गया है और उस में गवाहों के द्वारा सत्यापित भी किया गया है। कृपा कर मुझे जानकारी प्रदान करें।

समाधान-

सा कोई सरकारी नियम नहीं है जिस में कोई कर्मचारी जीते जी अपनी नौकरी अपनी संतान को दे सकता हो। यदि कहीं ऐसा कोई नियम हो भी तो फिर तो सारी सरकारी नौकरियाँ सिर्फ उन्हीं परिवारों के लिए आरक्षित हो जाएंगी जो पहले से सरकारी नौकरी में हैं।

दि आप की बुआ ने बचपन में परंपरागत रीति से आप को गोद लिया था तो उसे अन्य उद्देश्यों के लिए न्यायालय में गवाही और दस्तावेजों के माध्यम से साबित किया जा सकता है। लेकिन अनुकम्पा नियुक्ति के उद्देश्य से यह संभव नहीं है। क्यों कि अनुकम्पा नियुक्ति में गोद पुत्र को तभी कोई लाभ मिल सकता है जब कि गोदनामा उप पंजीयक के यहाँ पंजीकृत हो।

किसी भी व्यक्ति को केवल 15 वर्ष की आयु तक ही दत्तक ग्रहण किया जा सकता है। इस उम्र के बाद उसे तभी गोद लिया जा सकता है जब कि उस व्यक्ति के समुदाय में इस उम्र से अधिक के व्यक्ति को गोद लेने की सामाजिक परंपरा हो। यदि आप के समुदाय में ऐसी सामाजिक परंपरा हो तो आप का यह गोदनामा मान्य किया जा सकता है। इस कारण से यदि सरकारी विभाग को इस मामले में आपत्ति है तो आप उस के विरुद्ध घोषणा का वाद न्यायालय में संस्थित कर के इस गोदनामा को वैध घोषित करवा सकते हैं और दीवानी न्यायालय का यह निर्णय सरकारी विभाग पर बाध्यकारी होगा।

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