विश्व पुस्तक एवं कॉपीराइट दिवस
आज 23 अप्रेल पुस्तकों और लेखकों का दिन है। इस दिन को “विश्व पुस्तक एवं कॉपीराइट दिवस” के रुप में मनाते हुए यूनेस्को सम्पूर्ण विश्व में पठन-पाठन व प्रकाशन को प्रोत्साहित करने और कॉपीराइट व बौद्धिक संपदा अधिकारों को प्रचारित करने का प्रयत्न करता है।
1616 में इसी दिन सरवाण्टेस, शेक्सपियर, तथा इंका गार्सिलेसो डी ला वेगा इस दुनियाँ से विदा ले गए। यह मौरिस ड्रुओं, के. लेक्स्नेस, व्लादिमिर नबोकोव, जोसप प्लॉ, मैन्यूल मेजिया वालेजो और अन्य अनेक प्रमुख लेखकों का जन्म या स्मृति दिवस भी है। इन्हीं कारणों से यह यूनेस्को की सामान्य सभा के लिए पुस्तकों व लेखकों और मानव सभ्यता व संस्कृति के विकास में उनके अनूठे योगदान को स्मरण करने और सभी को, विशेष रुप से युवाओं को पठन और उसके आनन्द को प्राप्त करने के लिए प्रेरित करने के लिए एक नैसर्गिक दिन के रुप में सामने आया।
इस दिवस को मनाने का विचार केटालोनिया से प्राप्त हुआ जहाँ 23, अप्रेल को सेण्ट जॉर्ज दिवस मनाया जाता है और परम्परागत रुप से इस दिन पुस्तक खरीदने वाले प्रत्येक व्यक्ति को प्रत्येक पुस्तक के साथ एक गुलाब भेंट किया जाता है।
विश्व पुस्तक एवं कॉपीराइट दिवस की सफलता विभिन्न देशों में यूनेस्को और इससे सम्बन्धित संस्थाओं द्वारा कितने लेखकों, प्रकाशकों, अध्यापकों. पुस्तकालयाध्यक्षों, सार्वजनिक और निजी संस्थाओं मानववादी अशासकीय संस्थाओं और लोगों को पुस्तकों और लेखकों के इस त्यौहार के आनन्द में सम्मिलित कर पाती है।
हम लोग आज के दिन को मनचाही पुस्तक खरीद कर, किसी प्रिय व्यक्ति को पुस्तक भेंट कर, पुस्तकालयों को व्यवस्थित कर के, संग्रहीत पुस्तकों की दशा को सुधार कर, सामुदायिक पुस्तकालय चला कर, अपने आसपास के किसी लेखक को सम्मानित कर, कॉपीराइट और बौद्धिक संपदा अधिकार के सम्बन्ध में गोष्ठी या सेमीनार आयोजित कर या अन्य कोई भी ऐसी गतिविधि सम्पन्न कर के मना सकते हैं। जिस से ज्ञान और विचार तथा उन्हें प्रकट करने की कलाओं को सम्मान और विस्तार प्राप्त हो सके।