तीसरा खंबा

 हिमानी दीवान ने पूछा है – – – 
शिक्षण संस्थान शत-प्रतिशत रोजगार की गारंटी देते हैं, और उसे पूरा नही कर पाते। तो ऐसे में कानून की क्या भूमिका होती है ?

उत्तर – – –

हिमानी जी,
कोई भी शिक्षण संस्थान शत-प्रतिशत रोजगार की गारंटी नहीं देता है। वह यह प्रचारित अवश्य करता है कि उस के यहाँ अध्ययन करने वालों को शत-प्रतिशत रोजगार मिल जाता है। यदि आप की जानकारी में ऐसा कोई संस्थान जिस में किसी विद्यार्थी ने प्रवेश लिया हो और उस ने रोजगार की शत-प्रतिशत गारंटी दी हो, तो आप गारंटी देने वाले दस्तावेज की प्रति तीसरा खंबा को उपलब्ध कराएँ। 
हाँ, यह अवश्य है कि वे सभी विद्यार्थी जो अध्ययन के लिए शिक्षण संस्थानों को शुल्क अदा करते हैं उन संस्थानों के उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के अंतर्गत उपभोक्ता हैं और ऐसे सभी संस्थान सेवा प्रदाता। यदि शिक्षण संस्थान प्रोस्पेक्टस में या की गई किसी संविदा में वर्णित सेवा प्रदान नहीं करता है अथवा सेवा में कोई कमी या चूक करता है तो सेवा में ऐसी कमी या चूक के लिए विद्यार्थी जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोषण मंच में अपना परिवाद प्रस्तुत कर राहत प्राप्त कर सकते हैं।
दि किसी शिक्षण संस्थान ने शत-प्रतिशत रोजगार की गारंटी दी हो और उसे पूरा करने में कोताही बरती हो या असमर्थ रहा हो तो भी उपभोक्ता विवाद प्रतितोषण मंच के समक्ष परिवाद प्रस्तुत कर राहत प्राप्त की जा सकती है।

Exit mobile version