तीसरा खंबा

आप के द्वारा विकसित सोफ्टवेयर का बिना मूल्य उपयोग करने वाले के विरुद्ध कापीराइट एक्ट में कार्यवाही करें

समस्या-

मैं आईटी सैक्टर में हूँ, वर्तमान में मैं एक प्राइवेट फर्म  में काम कर रही हूँ। दो वर्ष पूर्व मैं एक व्यक्ति के संपर्क में आई जो कि उस के व्यवसाय के लिए कुछ आईटी एप्लीकेशन्स विकसित करवाना चाहता था। मैं ने उस के लिए आवश्यक सोफ्टवेयर तैयार किए तथा उसे जब भी आवश्यकता हुई आवश्यक सपोर्ट प्रदान किया। मैं ने जब भी उक्त कार्य के भुगतान के लिए उक्त व्यक्ति से कहा उस ने साफ साफ कोई उत्तर नहीं दिया। यह व्यक्ति भारतीय है और अमरीका में ग्रीन कार्ड होल्डर है। मैं उस से अपना पैसा कैसे प्राप्त कर सकती हूँ। मैं सोचती हूँ कि मैं उस के नियोजक जो कि एक प्रतिष्ठित आईटी कंपनी है को शिकायत करूँ। मुझे क्या करना चाहिए।

-श्वेता शर्मा, बैंगलोर, कर्नाटक

समाधान-

प ने जो कार्य उस व्यक्ति के लिए किया वह आप के तथा उस व्यक्ति के बीच एक संविदा कार्य था। आप के मामले में यदि कोई स्पष्ट और लिखित संविदा हुई हो कि उस व्यक्ति को आप के कार्य के लिए एक निश्चित राशि अदा करनी है तो आप अपना कार्य संपन्न कर चुकी हैं और आप संविदा के अनुसार उक्त कार्य के लिए जो भी धन निश्चित हुआ हो वह उस से प्राप्त करने की अधिकारी हैं। इस तरह के मामलों में लिखित संविदा का होना निहायत जरूरी है।

दि आप का और उस के बीच कोई संविदा नहीं हुई हो तो आप उसे अपने काम की शुल्क स्वयं निर्धारित कर उसे भेज सकती हैं जिस में आप यह कह सकती हैं कि वह  उक्त बिल के भुगतान तक उक्त सोफ्टवेयर का उपयोग नहीं करे। क्यों कि उक्त सोफ्टवेयर को आपने विकसित किया है और उस पर आप का कापीराइट है। आप की अनुमति के बिना वह व्यक्ति उस सोफ्टवेयर का उपयोग नहीं कर सकता जिसे आपने विकसित किया है।

दि बिल भेजने के उपरान्त निर्धारित अवधि में वह व्यक्ति आप को आप के काम के मूल्य का भुगतान न करे तो आप उसे विधिक सूचना (Legal Notice) दें कि वह आप के काम का भुगतान निश्चित अवधि में कर दे अन्यथा आप अपनी शुल्क की राशि प्राप्त करने के लिए उस के विरुद्ध दीवानी वाद प्रस्तुत करेंगी तथा कापीराइट के उल्लंघन के लिए दीवानी और अपराधिक मुकदमा चलाएँगी, तथा उस के नियोजक को भी शिकायत करेंगी।

नोटिस के उत्तर में भुगतान प्राप्त न होने की दशा में आप उक्त कार्यवाहियों में से कोई एक या सभी कर सकती हैं। पर मेरी राय यह है कि आप पहले न्यायालय में एक वाद उक्त सोफ्टवेयर को उस व्यक्ति द्वारा उपयोग में लेने से रोके जाने के लिए निषेधाज्ञा जारी करने के लिए प्रस्तुत करें और तुरंत अस्थाई निषेधाज्ञा जारी करवाएँ।  उस के बाद उस के नियोजक को सूचित करें, फिर भी काम न हो तो आप कापीराइट एक्ट के अंतर्गत उस के विरुद्ध अपराधिक मामला दर्ज कराएँ। आप उस से अपनी शुल्क और क्षतियाँ प्राप्त करने के लिए उस के विरुद्ध दीवानी वाद भी प्रस्तुत कर सकती हैं। पर ध्यान रहे शुल्क वसूली के लिए वाद वादकारण उत्पन्न होने के तीन वर्ष की अवधि में ही किया जा सकता है।

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