तीसरा खंबा

ऐसे लड़के से रिश्ता न रख अपने जीवन पथ का नए सिरे से निर्माण करना ही बेहतर है

     एक लड़की प्रतिभा ने पूछा है-
 मेरी समस्या यह है कि जिस ने मुझ से शादी की है वह अब शादी को मानने को तैयार नहीं है। यह शादी हम ने एक मंदिर में चुपचाप की थी जिस का एक मात्र सबूत पंडित है। वह प्रमाणपत्र देने को तैयार है। लेकिन कारण यह है कि जिस से ये मेरी शादी हुई है वह मेरी सगी मौसी का बेटा है। कृपया सलाह दें। 

    उत्तर–

प्रतिभा जी!

ब से पहली बात मैं यह बताना चाहता हूँ कि विवाहों पर व्यक्तिगत विधि लागू होती है। आप ने तथाकथित विवाह मंदिर में किया है तो यह तो पक्का है कि उस पर हिंदू विधि प्रभावी होगी। हिन्दू विधि के अंतर्गत दो बहनों  की संतानों का रिश्ता प्रतिबंधित रिश्ता है और उन का विवाह वर्जित है। न केवल हिन्दू विधि में अपितु मुस्लिम विधि को छोड़ कर भारत में प्रचलित सभी विधियों में इस तरह के विवाह वर्जित हैं। हिन्दू विधि में इस तरह के विवाह को तभी मान्यता मिल सकती है जब कि  आप के परिवारों में इस तरह की प्रथा रही हो। वैसे भी केवल एक पंडित के प्रमाण पत्र के आधार पर इस विवाह को साबित कर पाना अत्यंत दुष्कर होगा। 
मेरी सलाह है कि एक लड़का जो आप से सारी दुनिया से छिप कर विवाह करता है और बाद में उस विवाह से इन्कार करता है। ऐसे कमजोर व्यक्ति से रिश्ता रखना उचित नहीं है। जो जीवन के प्रथम सोपान पर ही आप से दगा कर रहा है वह जीवन में आप का साथ बहुत दूर तक नहीं निभा सकेगा। ऐसे विवाह को त्याग देना ही उचित पथ है। आप को चाहिए कि उस लड़के से जो रिश्ते में आप का भाई है अब इस तरह का कोई रिश्ता न रखें और उसे छोड़ कर अपने जीवन पथ का नए सिरे से निर्माण करें।
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