चैक अनादरण की सूचना देने के लिए विधिक सूचना पत्र (Notice) का प्रारूप।
दिनेशराय द्विवेदी
समस्या-
अजमेर, राजस्थान से राजेन्द्र सिंह ने पूछा है-
किसी चैक का अनादरण हो जाने पर धारा 138 परक्राम्य विलेख अधिनियम के अंतर्गत अनादरण की सूचना प्राप्त होने के 30 दिनों में चैक जारीकर्ता को लिखित नोटिस दिया जाना जरूरी है। इस तरह का नोटिस देने में क्या क्या सावधानी आवश्यक है? नोटिस का प्रारूप भी उपलब्ध करा दें तो उत्तम होगा।
समाधान-
चैक के अनादरण की सूचना बैंक से जिस दिन चैक धारक को प्राप्त हुई है उस से 30 दिनों के भीतर चैक जारीकर्ता को नोटिस दिए बिना धारा 138 परक्राम्य विलेख अधिनियम के अंतर्गत कार्यवाही संभव नहीं है। इस कारण से जितनी जल्दी हो नोटिस जारी करना चाहिए। नोटिस में स्पष्ट रूप से लिखना चाहिए कि जो चैक जारीकर्ता ने आप को दिया था वह बैंक द्वारा अनादरित कर दिया गया है। अनादरण का जो भी कारण बैंक ने बताया हो वह लिखना चाहिए तथा मांग करनी चाहिए कि नोटिस प्राप्ति के 15 दिनों में वह चैक की राशि नोटिस के खर्चे सहित नकद दे कर रसीद प्राप्त कर ले। यह नोटिस रजिस्टर्ड ए.डी. डाक से भेजा जाना चाहिए। मेरी राय में नोटिस उस वकील के माध्यम से भिजवाएँ जिस से आप धारा 138 परक्राम्य अधिनियम का परिवाद न्यायालय में प्रस्तुत करवाना चाहते हैं और जिस से उस की पैरवी करवाना चाहते हैं तो उत्तम होगा। क्यों कि वह इस मामले की जटिलताओँ का अध्ययन भी कर लेगा और आप को उचित सलाह भी मिल जाएगी। नोटिस का प्रारूप निम्न प्रकार का हो सकता है –
रजिस्टर्ड ए.डी.
दिनांक : …………………
प्रति,
श्री ……………………………………………………
निवासी-………………………………………………
………………………………………………………..
विधिक सूचना पत्र
महोदय,
कि आप मेरे मिलने वाले हैं इस कारण से आप ने भैंसे खरीदने की जरूरत बता कर मुझ से रुपए …………………../- अक्षरे रुपए ………………………………… मात्र उधार लिए थे। आप ने इस राशि को लौटाने के लिए मुझे …………………………बैंक की ……………… शाखा का अपने बचत खाता सं. …….. का एक चैक क्रमांक ………………. रुपए …………………….. अक्षरे रुपए …………………………. मात्र का दिनांक ……………………. का दिया था।
कि मैं ने उक्त चैक को मेरे बैंक ……………………………… की शाखा ………………………… के अपने बैंक खाते में जमा कराया। मेरे बैंक द्वारा उक्त चैक को समाशोधन के लिए प्रेषित किया। जिस पर उस चैक का भुगतान प्राप्त होने के स्थान पर आप के बैंक से सूचना प्राप्त हुई कि आप के खाते में अपर्याप्त निधि होने के कारण उस की राशि का भुगतान किया जाना संभव नहीं है। इस प्रकार आप के द्वारा मुझे दिए गया चैक अनादरित हो गया है।
अत: यह सूचना-पत्र प्रेषित कर आप को सूचित करता हूँ कि आप आप के द्वारा ली गई उधार की राशि अदा करने के लिए दिए गए उक्त चैक की धनराशि रुपए …………………./- अक्षरे रुपए ………………………… मात्र इस नोटिस की प्राप्ति के पन्द्रह दिनों की अवधि में मुझे नकद भुगतान कर के उस की रसीद प्राप्त कर लें। इन पन्द्रह दिनों की अवधि में उक्त राशि का भुगतान प्राप्त नहीं होने पर मैं आप के विरुद्ध उक्त राशि तथा दंड के रूप में उतनी ही राशि और प्राप्त करने के लिए परक्राम्य विलेख अधिनियम की धारा 138 के अन्तर्गत सक्षम न्यायालय में अपराधिक परिवाद दर्ज कराने के साथ साथ उक्त राशि तथा उस पर ब्याज राशि और समस्त हर्जें-खर्चें की राशि प्राप्त करने के लिए सक्षम दीवानी न्यायालय के समक्ष वाद प्रस्तुत करने के लिए बाध्य होऊंगा, जिस के हर्जों-खर्चों के लिए भी आप जिम्मेदार होंगे। सूचित हों।