समस्या-
कोटा, राजस्थान से शौर्य ने पूछा है-
मैं एक प्राइवेट कंपनी में नौकरी करता हूँ तथा माता-पिता और बड़े भाई के साथ रहता हूँ। मेरा विवाह हिंदू रीति रिवाज के साथ 7 मई 2009 को हुआ। मेरा यह विवाह मुझ पर दबाव डाल कर करवाया गया था। जिस लड़की से मेरा विवाह करवाया गया वो मुझ से उम्र में भी बड़ी है। उस की उम्र 30 और मेरी 26 है। वह मेरे साथ मेरे घर में रहती है लेकिन हमारा रिश्ता पति-पत्नी जैसा नहीं है। हमारे अभी तक कोई संतान भी नहीं है। आए दिन हम दोनों में लड़ाई चलती रहती है। मैं ने मेरी पत्नी को तलाक़ के लिए कहा लेकिन वह मुझे तलाक़ भी नहीं दे रही है। मैं उसे तलाक़ के लिए मेरे नाम की सारी प्रॉपर्टी भी देने को तैयार हूँ। हम दोनों का जीवन बर्बाद हो रहा है। मेरा विवाह मेरे माता-पिता ने इसलिए दबाव डाल कर जल्दी करवा दिया क्योंकि मैं एक लड़की को बहुत ज़्यादा प्रेम करता था। वह लड़की हमारी जाति की नहीं थी। इसलिए मेरे माता पिता बड़े भाई ने अपनी सामाजिक प्रतिष्ठा बचाने के लिए मुझे धमकी दी कि यदि मैं ने शादी से मना किया तो वे उस लड़की के घर वालों को पिटवा देंगे। उन लोगों ने मेरा विवाह एक ऐसी लड़की से करवा दिया जिसे मैं कभी अपनी पत्नी के रूप मैं स्वीकार नहीं कर सकता। मैं शादी से पहले जिस लड़की से प्यार करता था उस से अब भी करता हूँ उस की उम्र 24 वर्ष है वह भी मुझे बहुत प्यार करती है और आज भी शादी करने को तैयार है। हम दोनों के बीच 6 वर्ष से यह रिश्ता है। हम एक दूसरे को कभी नहीं भूल सकते। उस लड़की का कहना है कि यदि उसके परिवार वालों ने किसी और से शादी के लिए उस पर दबाव डाला तो वह आत्महत्या कर लेगी। मेरी समस्या यह है कि मैं उस लड़की को खोना नहीं चाहता लेकिन मैं उस से बिना मेरी पत्नी से तलाक लिए विवाह भी नहीं कर सकता। ये कानूनी रूप से अपराध होगा। क्या मुझे मेरे पत्नी से तलाक़ मिल सकता है? क्या क़ानून मैं कोई ऐसा नियम है क्या जिस से मैं और वह लड़की बिना शादी किए एक साथ भी रह सकें। हम दोनों पति-पत्नी की तरह रहना चाहते हैं। हम तीनों का जीवन बर्बाद हो रहा है। मुझे कोई रास्ता बताएँ?
समाधान-
आप के माता-पिता और भाई को तो सामाजिक प्रतिष्ठा बचानी थी। लेकिन आप के लिए वह क्या चीज थी? जिस ने आप को विवाह करने को बाध्य किया। उस लड़की के घर वालों की पिटाई करवा देना तो इतना बड़ा दबाव नहीं जिस से आप विवाह करे लिए तैयार हो जाएँ। आप बड़ी आसानी से कह सकते थे कि मैं अपने से चार वर्ष बड़ी लड़की से विवाह नहीं करूंगा। या यह भी कह सकते थे कि मुझे अभी विवाह नहीं करना है। आप वयस्क थे और आप को इस के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता था। आज यदि तीन जीवन बर्बाद हो रहे हैं तो सिर्फ इस कारण कि आप ने उस लड़की से विवाह करना स्वीकार कर लिया जो अब आप की पत्नी है। यह तो आप को उसी समय लगने लगा होगा कि तीन जीवन बर्बाद हो जाएंगे।
आप ने अग्नि को साक्षी मान कर एक लड़की से विवाह किया है। आप की पत्नी उस घड़ी की प्रतीक्षा कर रही है जिस दिन आप उसे पत्नी के रूप में स्वीकार कर लेंगे। आप दोनों के बीच लड़ाई का एक और मुख्य कारण यही हो सकता है कि आप उसे विवाह के तीन वर्ष बाद भी स्वीकार नहीं कर सके हैं। आप के पास वर्तमान में तलाक का कोई कारण नहीं है जिस से आप अपनी पत्नी से तलाक ले सकें। आप का और आप की पत्नी में केवल सहमति से तलाक संभव है। जिस के लिए वह तैयार नहीं है। मेरी राय में तो आप को अपनी पत्नी को अपना लेना चाहिए। अपनी प्रेमिका को समझाना चाहिए कि वह भी विवाह कर के अपनी गृहस्थी बसाए। इस से तीनों जीवन बच जाएंगे। इस दिशा में कोशिश कीजिए शायद आप ऐसा कर पाएँ। अपनी पत्नी के रहते हुए आप किसी दूसरी अविवाहित स्त्री के साथ रहें यह अनैतिक है और बहुत से लोगों के साथ एक तरह का धोखा भी है। निश्चित रूप से आप ऐसा कुछ नहीं कर पाएंगे। आप कोशिश तो करें। यदि आप कोशिश में सफल न हों या फिर कोशिश ही न कर सकें तो आप पुनः तीसरा खंबा को स्मरण करें। शायद कोई ऐसा मार्ग निकल सके जिस से तीनों जीवन सुधर सकें।