समस्या-
राजेश बाई ने इटावा, जिला कोटा (राजस्थान) से पूछा है-
मैं एक महिला हूं, मेरे पिता के तीन पुत्री थी। हम हिन्दू हैं। मेरी माँ ने अपने पति के क्रियाकर्म के लिए कर्ज लिया, मकान/एग्री-भूमि को रखकर। समाज के नियम कानून के द्वारा पुत्र ही पाग (पगड़ी) रस्म करता है, जो हमारे नहीं था। परिवार में एक लडके को लिया, इसमें हमारी सहमति नहीं थी। माँ को समाज के लोग दबाब बनाने लगे तो माँ राजी हो गई। लडके के पिता के द्वारा मेरी मां को रकम का लोभ देकर गोदनामा लिखकर रजिस्टर्ड करवा लिया और उसके द्वारा agriculture भूमि मै इंतकाल खुलवा लिया। कुछ समय पहले फ़सल खराबे की सरकार द्वारा दी गई रकम के लिए जमाबदी नकल लेने पर पता चला। अब उसकी उम्र 18 वर्ष का हो गया है। उसका पिता और वह हमें जायदाद से बेदखल करने की कोशिश कर रहा है, वह मेरी मां को भी जान से मारने की बात कहता है। मेरी माँ ओर मेरी बहनों की जान से मारने की योजना बना रहा है। मेरी माँ की देखभाल भी नहीं कर रहा है। पिता के कैंसर के लिए गए कर्जा भी देने से इंकार करता है। क्या वह गोदनामा निरस्त नहीं हो सकता है, उसके लिए क्या करना होगा?
समाधान-
गोदनामा को देखे बिना यह ठीक ठीक बताना संभव नहीं है कि उसे निरस्त कराया या अवैध घोषित कराया जा सकता है या नहीं। उसके आधार पर खुलवाए गए इंतकाल (नामान्तरण) को निरस्त कराया जा सकता है या नहीं।
किसी को पाग (पगड़ी) बांध देने से वह मृतक का उत्तराधिकारी नहीं हो जाता। इस कारण वह लड़का आप के पिता का उत्तराधिकारी नहीं है। यदि उसे गोद भी लिया गया है तो वह आप की माँ ने लिया है। इस तरह वह आपकी माँ का उत्तराधिकारी हो सकता है। आप की माँ अभी जीवित हैं इस कारण उनका उत्तराधिकार खुला ही नहीं है। गोदनामे के आधार जो नामान्तरण (इन्तकाल) जो खुला वह गलत है। इस नामान्तरण की अपील जिला कलेक्टर के समक्ष होगी।
यदि वह किसी तरह जायदाद से बेदखल करने की कोशिश कर रहा है या जान से मारने की धमकी दे रहा है तो यह अपराधिक गतिविधि है, इस की सूचना तुरन्त पुलिस को दें। एक परिवाद एस.पी. ग्रामीण को जल्दी से जल्दी दैं। गोदनामा के मामले में भी जिला मुख्यालय पर दीवानी मामलों के किसी अच्छे वकील को दस्तावेज दिखा कर कार्यवाही करने का निर्णय लें।