समस्या-
-रश्मि अगरवाल, चायबासा, झारखंड
समाधान-
आपके नाना-नानी के संभवतः आपकी मम्मी के अलावा कोई और संतान नहीं रही होगी। इसी कारण उन्हों ने आपके मम्मी-पापा से आपको उन के साथ रहने को कहा होगा। आप नाना-नानी के जीवनकाल में उनके साथ रही। लेकिन आप के मम्मी-पापा ने आपको नाना-नानी को दत्तक नहीं दिया और न ही आप के नाना-नानी ने आप को दत्तक ग्रहण किया।
कानूनी रूप से आप के नाना-नानी द्वारा आपको दत्तक ग्रहण करना संभव नहीं था। क्यों कि हिन्दू एडोप्शन एण्ड मेंटीनेंस एक्ट की धारा 11(2) के अनुसार कोई भी दंपति यदि उसकी पुत्री या पौत्री जीवित हो तो वह किसी अन्य लड़की को दत्तक ग्रहण नहीं कर सकता। इसी तरह धारा 11(1) के अनुसार पुत्र या पौत्र या प्रपोत्र के जीवित रहते कोई भी व्यक्ति पुत्र गोद नहीं ले सकता। आपके नाना-नानी की पुत्री अर्थात आप की माँ हैं। इस कारण आप के नाना-नानी किसी लड़की को गोद नहीं ले सकते थे।
आप के नाना-नानी के देहान्त के उपरान्त उनकी जायदाद का उत्तराधिकार आपकी माँ को प्राप्त हुआ। इस तरह उनकी जायदाद की स्वामिनी आप की माँ हो गयीँ। आप का उस जायदाद में कोई हिस्सा नहीं था। उन्होंने जायदाद बेच दी तो उन्हें इसका अधिकार था।
यदि आप समझती हैं कि आपके नाना-नानी की जायदाद आप को मिलनी चाहिए थी, या उस में भी आप का हिस्सा होना चाहिए था तो वह तभी हो सकता था जब कि आपके नाना-नानी ने कोई वसीयत की होती और उसमें आप को उन की जायदाद या जायदाद का हिस्सा वसीयत कर दिया होता। आपके नाना-नानी ने ऐसा नहीं किया। इस कारण से आप को उस जायदाद में कोई हिस्सा प्राप्त नहीं हुआ।