तीसरा खंबा

पूरे परिवार के विरुद्ध 498-ए का मुकदमा है, गिरफ्तारी का भय है, क्या करें?

 
मोहन लाल वर्मा पूछते हैं…
 
मैं सरकारी कर्मचारी हूँ और अपनी पत्नी, दो छोटे बच्चों, माता-पिता के साथ रहता हूं। मूल निवास लखीमपुर खीरी के एक गांव में है।  मेरा छोटा भाई अपनी ससुरालवालों द्वारा जान की धमकी दिये जाने के कारण 18 दिसंबर 08 को घर छोड कर कहीं चला गया व अब तक अज्ञात है।  उसकी ससुरालवालों ने मेरे, मेरी पत्नी, मेरे एक मित्र मेरे माता-पिता के खिलाफ 498ए 323,324 तथा अन्य घाराओं सहित घरेलू हिंसा अधिनियम की धारा 12 के अधीन सीजेएम के यहाँ कानूनी कार्यवाही शुरू कर दी है व तमाम तरह के अनर्गल आरोप लगाये हैं जबकि वाकई हम सभी लोग पूर्णता निर्दोष हैं।  क्या हमें जेल जाना ही पडेगा।  क्या कोई सूरत ऐसी हो सकती है कि अदालती प्रक्रिया के दौरान हमें जेल जाये बिना अपना पक्ष रखने व पैरवी करने का मौका मिल सके।  यदि बता सकें तो मुझपर व मेरे परिवार पर आपका बडा उपकार होगा व मैं हमेशा आपका आभारी रहूँगा। मुझे कोर्ट संबंधी जरा भी जानकारी नहीं है।  मुझे जबरन इस गंभीर मामले में घसीट लिया गया है जिससे मेरी नौकरी, मेरी अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी व बाकी सारा कामकाज बुरी तरह बाधित हो गया है।
 
उत्तर

मोहन लाल जी,
323 दंडप्रक्रिया संहिता के अलावा जो धाराएँ आप ने बताई हैं वे सभी अजमानतीय हैं और उन में आप के परिवार के सभी सदस्यों को गिरफ्तार किया जा सकता है।  धारा 324 का अर्थ है कि आप के भाई की पत्नी को किसी धारदार हथियार की चोट है जो एक गंभीर मामला हो सकता है।  लेकिन आप घबराएँ नहीं जिस जिले के सीजेएम की अदालत में यह मुकदमा हुआ है उस जिले की सेशन अदालत में आप अग्रिम जमानत के लिए आवेदन कर सकते हैं।  आप को इस आवेदन के लिए एक वकालत नामे पर अपने सभी परिवार वालों के हस्ताक्षर  करवा कर ले जाएँ और सेशन अदालत में फौजदारी मुकदमों की पैरवी करने वाले किसी वकील से मिलें।  वकील सब की ओर से अग्रिम जमानत की अर्जी दे देगा। यदि आप को सेशन न्यायालय से जमानत न मिले तो सेशन अदालत के आदेश की प्रमाणित प्रतिलिपि प्राप्त कर आप उच्चन्यायालय में अग्रिम जमानत की अर्जी दाखिल कर दें।  आप सब की अग्रिम जमानत हो जाएगी।  अधिक से अधिक यह हो सकता है कि आप के भाई की जमानत न हो।

अग्रिम जमानत हो जाने के उपरांत आप पुलिस के अन्वेषण अधिकारी के समक्ष अपने सबूत रख सकते हैं यदि यह साबित हुआ कि मुकदमा गलत है तो आरोप पत्र प्रस्तुत नहीं होगा।  यदि पुलिस आप सब के विरुद्ध आरोप पत्र अदालत में प्रस्तुत करे तो वहाँ आप को बचाव का पूरा अवसर प्राप्त होगा।  वहाँ आप अपना बचाव भी कर सकते हैं और अपने सबूत भी रख सकते हैं।

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