पूरे परिवार के विरुद्ध 498-ए का मुकदमा है, गिरफ्तारी का भय है, क्या करें?
|मोहन लाल जी,
323 दंडप्रक्रिया संहिता के अलावा जो धाराएँ आप ने बताई हैं वे सभी अजमानतीय हैं और उन में आप के परिवार के सभी सदस्यों को गिरफ्तार किया जा सकता है। धारा 324 का अर्थ है कि आप के भाई की पत्नी को किसी धारदार हथियार की चोट है जो एक गंभीर मामला हो सकता है। लेकिन आप घबराएँ नहीं जिस जिले के सीजेएम की अदालत में यह मुकदमा हुआ है उस जिले की सेशन अदालत में आप अग्रिम जमानत के लिए आवेदन कर सकते हैं। आप को इस आवेदन के लिए एक वकालत नामे पर अपने सभी परिवार वालों के हस्ताक्षर करवा कर ले जाएँ और सेशन अदालत में फौजदारी मुकदमों की पैरवी करने वाले किसी वकील से मिलें। वकील सब की ओर से अग्रिम जमानत की अर्जी दे देगा। यदि आप को सेशन न्यायालय से जमानत न मिले तो सेशन अदालत के आदेश की प्रमाणित प्रतिलिपि प्राप्त कर आप उच्चन्यायालय में अग्रिम जमानत की अर्जी दाखिल कर दें। आप सब की अग्रिम जमानत हो जाएगी। अधिक से अधिक यह हो सकता है कि आप के भाई की जमानत न हो।
अग्रिम जमानत हो जाने के उपरांत आप पुलिस के अन्वेषण अधिकारी के समक्ष अपने सबूत रख सकते हैं यदि यह साबित हुआ कि मुकदमा गलत है तो आरोप पत्र प्रस्तुत नहीं होगा। यदि पुलिस आप सब के विरुद्ध आरोप पत्र अदालत में प्रस्तुत करे तो वहाँ आप को बचाव का पूरा अवसर प्राप्त होगा। वहाँ आप अपना बचाव भी कर सकते हैं और अपने सबूत भी रख सकते हैं।
रिश्तेदारी में क्रूरता करेंगे तो रिश्ते कैसे चलेंगे??.. अपनी लड़की दी है.. तो उसके घर को स्थापित होने में मदद दीजिये..उसे अस्थिर नहीं कीजिये.. समझदारी बाजार में नहीं मिला करती.. गम खाना भी सीखना चाहिएल.. आज आपकी हरकत से दामाद अज्ञात हो गया..उसे घर परिवार गाँव आदि छोड़कर दर दर भटकना पड़ रहा है.., आपने उसके शेष परिवार के ऊपर इस तरह अत्याचार करके “सम्पूर्ण” परिवार को ही दुखित कर दिया है..इन सबका अंत भी कुछ मिलने जानेवाला नहीं होता.. और लड़की आपकी दुःख में डूबी है सो अलग.. सिर्फ जरा सी समझदारी से सबकुछ अच्छा हो सकता था.. जरा सी समझदारी..*(विचार मोहनलाल वर्मा जी के विपक्षि सम्बन्धियों को ध्येय कर लिखे गए हैं..)..
सर जी ,
उत्तर प्रदेश में क्या है उपचार जहाँ अग्रिम जमानत का प्रावधान ही नहीं है ?
मेरा पुन: निवेदन है कि जो गलत मामले हैं उनके खिलाफ आवाज़ उठनी चाहिये। लेकिन एक-दो मामलों की वजह से पूरे कानून की ही धज्जियां नहीं उड़ा देना चाहियें। देश की संसद जहां हमारे चुने हुए नुमाइंदे बैठते हैं, हमारी पावर ऑफ अटॉर्नी लेकर, उन लोगों ने ये कानून बनाया है। दुरुपयोग के खिलाफ आंदोलन चलना चाहिये लेकिन जिन जेनुइन मामलों में दहेज का केस दर्ज नहीं हो पाता है उनके खिलाफ भी हम लोगों को लड़ना चाहिये। वैसे जा के पैर ना फटी बिवाई सो का जाने पीर पराई। जो लड़कियां, मैं भी एक हूं, दहेज की मार झेल रही हैं उनसे पूछिये क्या होता है ये। जो सात फेरे डाल के ले जाता है, वो और उसका पूरा परिवार चंद रुपयों के लिये जब राक्षस बन जाते हैं तो उनके चंगुल में फंसी पराई लड़ाई के दुख की कल्पना भी भगवान आप लोगों से ना करवाये ये मेरी दुआ है। लेकिन इस देश में यही कानून है जो कुछ हद तक दहेज लोभियों पर लगाम लगाये हुए है कृपया इसके खिलाफ माहौल मत बनाइये। कहने को फेमिली कोर्ट हैं, महिला आयोग है और भी ना जाने क्या-क्या हैं। लेकिन सब बेकार।
जानकारी ज्ञानवर्धक है. भविष्य में मैं भी आपसे बहुत से लोक – हितार्थ कानूनी सलाह लेना चाहुगां.
फ़िलहाल वातावरण होलीमय है सो होली के इस पवन पर्व पर आपको सपरिवार हार्दिक शुभकामनाएं एवं यथोचित अभिवादन.
चन्द्र मोहन गुप्त
आज एक भारत से लौटी मेरी सहेली से
इसी विषय पर बात हो रही थी
जानकारी के लिये आभार
– लावण्या
yah kanun pata nahi kitane gharon ko barbad karega,police bhee janti hai ki ye galat hoga magar vo bhee majbur hai. is kanun ke khilaf natinal lavel par koi movment chalaya jana chahiye. narayan narayan
वाह दादा.. होली पर भी अदालत जमा रक्खी है.. कोई बात नहीं.. लीजिये आप भी संभालिये पूरा एक क्विंटल अबीर…
उपयोगी जानकारी प्रदान की है।
होली की हार्दिक शुभकामनाऍं।
आपने यह तो स्पष्ट कर दिया कि इस प्रकरण में कानूनी पक्रिया अपना कर सत्र न्यायालय अथवा उच्च न्यायालय से जमानत प्राप्त की जा सकती है। किन्तु, प्रकरण की सुनवाई के बाद यदि आरोपित लोग और परिवार निर्दोष साबित होकर छूट जाते हैं तो झूठी रिपोर्ट कराने वालों पर आपराधिक मुकदमा लगाया जा सकता है या नहीं?
ऐसे झूठे प्रकरणों को दर्ज होने रोकने के कोई विधि सम्मत उपाय हैं या नहीं?
मेरी इस टिप्पणी को ही मेरे प्रश्न मानिएगा।
सर्वप्रथम होली पर ढे़रो शुभकामनाएं सर और उसके बाद यह कि दहेज क़ानून पर आपकी सलाह एक्दम वाजिब है।
दिनेश जी यह सच है यह कानून(दहेज ) बहुत से बेकसूर लोगो की जिन्दगी को तबाह करता है, दहेज के मामले असल मे कम होते है, लेकिन उन के नाम से केस बहुत ज्यादा बनते है, इस का क्या कारण है? अगर लोग इस की जड तक जाये तो ऎसे केस भी कम हो.
आप को होली की बहुत बहुत बधाई
धन्यवाद
बहूत ही लाभदायक जानकारी । होली की बधाई।
यदि ये निर्दोष हैं तो बहुत दुख की बात है। हर अच्छी वस्तु का दुरुपयोग करने वाले भी होते हैं। खाँसी की दवा तक का लोग दुरुपयोग कर लेते हैं। तो फिर कानून का क्यों नहीं ?
होली की शुभकामनाएँ।
घुघूती बासूती
कानूनी दाँवपेंच से थोड़े समय के लिए तो बिल्कुल निर्दोष व्यक्ति को भी परेशान किया जा सकता है। देखते हैं तो दुख होता है.
लेकिन जब यह देखते हैं कि आप जैसे प्रबुद्ध लोग जनजागरण एवं गैरों की मदद के लिये लगे हैं तो अच्छा लगता है.
उम्मीद है कि आज होली का अच्छा रंग चढा होगा!!
सस्नेह — शास्त्री
कानूनी दाँवपेंच से थोड़े समय के लिए तो बिल्कुल निर्दोष व्यक्ति को भी परेशान किया जा सकता है। बड़ी आफ़त है भाई।
होली कैसी हो..ली , जैसी भी हो..ली – हैप्पी होली !!!
होली की शुभकामनाओं सहित!!!
प्राइमरी का मास्टर
फतेहपुर
दहेज विरोधी कानून को गाली देना आजकल फैशन हो गया है। इसका दुरुपयोग हो रहा है इसमें कोई शक नहीं। लेकिन ये भी सच है कि दहेज के ज़्यादातर मामले दर्ज ही नहीं हो पाते हैं क्योंकि लोगों को कानून की जानकारी ही नहीं है। अगर कोई सच्चा है तो उसको कोई अदालत सजा नहीं दे सकती है, ये तो आप भी मानेंगे। शादी करवाने वाले भाई-बहन-बहनोई जब दहेज के लिये लड़की को सताया जाता है तो पल्ला झाड़कर अलग हो जाते हैं, ये गलत है। उनकी कानूनी ज़िम्मेदारी बनती हो या ना बनती हो नैतिक ज़िम्मेदारी तो बनती है। इस ज़िम्मेदारी को निभाकर वो समय पर सुलह कराने की कोशिश करें तो बात बिगड़ने से बच सकती है। और मेरा मानना तो ये है कि दहेज लोभी ना समझाने से मानता है ना पुलिस से। उसे तो सज़ा मिलनी ही चाहिये।
बहुत कष्ट होता है इस तरह के कानूनों का दुरूपयोग देखकर…जहां लोगों को इसका प्रयोग करना चाहिए वहां वास्तव में ऐसा नहीं होता…जबकि जहां-जहां प्रयोग हो रहा है वहां प्रयोग की बजाय दुरूपयोग ही ज्यादा हो रहा है.
आपको परिवार एवम इष्ट मित्रों सहित होली की हार्दिक बधाई एवम घणी रामराम.
आदरसहित
ताऊ रामपुरिया
आज होली पर भी सलाहकारी जारी है…धन्य हुए!!
आपको होली की मुबारकबाद एवं बहुत शुभकामनाऐं.
सादर
समीर लाल
जानकारी अछी लगी । होली की ढेरो शुभकामनाएं। ।
holy ki shubhkamnain.