तीसरा खंबा

बेहतर है कि आपसी सहमति से विवाह विच्छेद हेतु आवेदन करें …

lawसमस्या-

सुधीर कौल ने  रोहिणी, दिल्ली से जम्मू और कश्मीर राज्य की समस्या भेजी है कि-

मेरा नाम सुधीर कोल है, हम जम्मू के निवासी हैं लेकिन पिछले 10 साल से दिल्ली में रहते हैं। मेरे रिश्तेदार जम्मू में रहते हैं। माता पिता ने मेरी शादी जम्मू में करवा दी। 3 महीने साथ रहने के बाद मामूली सी बात पर पत्नी मायके चली गयी। बहुत समझा बुझा कर 7 महीने बाद मेरे पास दिल्ली आ कर रहने लगी। फिर बेटा हुआ, 6 महीने बाद बेटे को लेकर जम्मू चली गई। अब वो मेरे पास रहना नहीं चाहती और तलाक़ का केस जम्मू कोर्ट में डाल दिया है। क्या मैं जम्मू ना जाकर दिल्ली की कोर्ट मे तलाक़ दूं ऐसा संभव है? क्योंकि मेरा जम्मू मे जा कर बहुत काम का हरजा होगा। किसी से सलाह ली उस ने कहा कि वहाँ के क़ानून अलग हैं, वहाँ धारा 370 है इसलिए वहीं जाना होगा।

समाधान-

प की पत्नी ने जो मुकदमा किया है उस में आप को उपस्थित होना चाहिए। यदि आप उस में उपस्थित नहीं होंगे तो उस में आप के विरुद्ध एक तरफा कार्यवाही की जा सकती है और आप के विरुद्ध आप की पत्नी द्वारा जिन आधारों पर विवाह विच्छेद की डिक्री चाही गई है पारित की जा सकती है। यदि आप केवल यह चाहते हैं कि विवाह विच्छेद की डिक्री हो जाए तो आप जम्मू न्यायालय में उपस्थित नहीं भी होंगे तब भी विवाह विच्छेद की डिक्री पारित हो जाएगी। यदि आप की पत्नी ने विवाह विच्छेद के अतिरिक्त कोई अन्य राहत न चाही हो तो आप के न जाने पर भी विवाह विच्छेद की डिक्री पारित हो सकती है।

प दोनों ही विवाह विच्छेद चाहते हैं ऐसी अवस्था में आप दोनों आपस में सहमत हो कर भी विवाह विच्छेद हेतु दिल्ली या जम्मू में आवेदन कर सकते हैं। इस आवेदन में अधिक से अधिक तीन-चार बार न्यायालय में उपस्थित होना पड़ेगा और एक वर्ष से भी कम समय में विवाह विच्छेद की डिक्री पारित की जा सकती है। इस के साथ ही बच्चे की अभिरक्षा, पत्नी और बच्चे के पालन पोषण के खर्चे आदि की शर्तें भी साथ के साथ तय हो सकती हैं। आप इस मामले में किसी साधारण व्यक्ति के स्थान पर किसी वकील से राय कर के बेहतर विकल्प तय कर सकते हैं।

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