समस्या-
अंगद ने बेगूंसराय, बिहार से समस्या भेजी है कि-
मेरे पिता ने सन 1969 एक जमीन मेरे बडे भाई के नाम से खरीदा, उस समय मेरे बड़े भाई की उम्र 19 या 20 साल थी मेरी उम्र 15 साल थी। सन 1995 ई. में हम दोनो भाई ने उस जमीन पर एक सयुंक्त घर बनाया। जिस में दो अलग अलग पलैट हैं। दोनो भाई ने अपना अपना पलैट अपने अपने पैसा से बनाया। जिस में हम दोनो भाई आज भी रह रहे हैं। जिस समय मैं ने उस जमीन पर घर बनाना आरंभ किया उस समय तक मुझे पता नहीं था कि वह जमीन मेरे भाई के नाम है और मेरे बडें भाई ने भी मुझे नहीं बताया था। मुझे लगता था की वह जमीन मेरे पिता के नाम हैं। इसका पता मुझे अब चला कि वह जमीन मेरे भाई के नाम है। अब मेरे बडा भाई मुझे कहता है कि मेरी जमीन व घर खाली करो। मेरे माता व पिता का देहांत हो चुका हैं। बहुत मेंहनत से मैंने अपना घर बनाया है मैं भूतपूर्व फौजी हूँ। बताएं कि मुझे क्या करना चाहिए?
समाधान-
जमीन आप के पिताजी ने खरीदी थी लेकिन भाई के नाम है इस कारण प्राथमिक रूप से उस भूमि का स्वामी आप के भाई हैं। जब तक आप यह साबित नहीं कर देते कि यह जमीन पिताजी ने भाई के नाम से खरीदी जरूर थी लेकिन पूरे परिवार के लाभ के लिए खऱीदी थी।
आप उस जमीन पर मकान बना चुके हैं। आप ने अपने पैसे से बनाया है तो आप यह साबित कर सकते हैं कि इस मकान को आप ने अपने धन से खुद बनाया है।
आप को इस मकान को बना कर उस में रहते हुए 22 वर्ष हो चुके हैं। आप के भाई यदि अदालत में यह दावा करें कि आप से उस मकान का कब्जा दिलाया जाए तो यह दावा लिमिटेशन के आधार पर ही खारिज हो जाएगा क्यों कि कब्जे का दावा केवल 12 वर्ष की अवधि में किया जा सकता है। मकान में बिजली और नल के कनेक्शन भी आप के नाम से होंगे। वोटर कार्ड आदि में भी पिछले 22 वर्ष से आप के नाम अंकित होंगे। आप 22 वर्ष का पजेशन उक्त संपत्ति पर अच्छे से साबित कर सकते हैं। इस तरह आप का कब्जा मकान पर प्रतिकूल कब्जा है।
आप के भाई आप को मकान खाली करने को कहें तो उन्हें कहें कि मकान तो मेरा है और मैं खाली नहीं कर रहा हूँ और यदि वे समझते हैं कि यह मकान उन का है तो वे अदालत में दावा कर दें अदालत फैसला कर देगी। जब अदालत में दावा पेश हो तो दावे की प्रतिलिपि आप को मिल जाए तब आप किसी अच्छे दीवानी मामलों के वकील से सलाह ले कर मुकदमे में अपनी प्रतिरक्षा करें। आप के भाई आप से उस मकान को किसी स्थिति में नहीं छीन सकते।