तीसरा खंबा

माता बच्चे को अपने पति को दत्तक ग्रहण करा सकती है।

समस्या-

एक महिला के पति की मृत्यु हो गई। उस विधवा महिला के अपने मृत पति से एक पुत्र है। उक्त विधवा महिला ने एक अन्य पुरूष से पुनर्विवाह कर लिया है। अब उक्त महिला अपने नये पति के साथ निवास कर रही है तथा उक्त महिला का अपने पूर्व पति से उत्पन्न हुआ उक्त पुत्र भी अपने सौतेले पिता व अपनी नैसर्गिक माता के साथ निवास कर रहा है। उक्त सौतेला पिता भी उक्त महिला के उक्त पुत्र को पिता की भांति स्नेह व प्रेम करता है तथा वह अब अपने उक्त सौतेले पुत्र के सभी शैक्षणिक व अन्य दस्तावेजों में उसके नैसर्गिक पिता के नाम के स्थान पर पिता के रूप में अपना नाम दर्ज करवाना चाहता है। क्या उक्त महिला के पूर्व पति से पैदा हुए उक्त पुत्र के नैसर्गिक मृतक पिता के नाम के स्थान पर उस महिला का वर्तमान नया पति/पिता के रूप में समस्त दस्तावेजों में अपना नाम दर्ज करवा सकता है? अगर करवा सकता है तो उसे क्या कानूनी कार्यवाही करनी पड़ेगी? 

– बाबूलाल बोहरा, राजस्थान 

समाधान-

महिला के पूर्व पति का अर्थात उसके पुत्र के जैविक पिता का देहान्त हो चुका है। उस बच्चे के माता-पिता में से केवल माता जीवित है। ऐसी स्थिति में माता अपने पुत्र को हिन्दू दत्तक ग्रहण एवं भरण पोषण अधिनियम के उपबंधों के अनुरूप दत्तक दे सकती है। तथा उस महिला का वर्तमान पिता उसे दत्तक ग्रहण कर सकता है।

अत्यन्त सरल उपाय है कि बच्चे की माता उसे अपने वर्तमान पति को दत्तक दे दे और वर्तमान पति उस बच्चे को दत्तक ग्रहण कर ले। बस बच्चे की आयु 15 वर्ष से कम होनी चाहिए।

इस के लिए किसी स्थानीय डीडराइटर से अथवा किसी वकील से दत्तक-ग्रहण विलेख लिखवाएँ उसे बच्चे की माता तथा गोद लेने वाला पिता दोनों हस्ताक्षऱ करें और क्षेत्र के उपपंजीयक के कार्यालय में उसे पंजीकृत करवा लें। इससे उस महिला का वर्तमान पति उसका दत्तक पिता हो जाएगा।

एक बार दत्तक-ग्रहण विलेख पंजीकृत हो जाने के उपरान्त इस दत्तक-ग्रहण विलेख के आधार पर बच्चे के सभी रेकार्ड्स में पिता के नाम के स्थान पर उसकी माता के पति, दत्तक ग्रहण करने वाले पिता का नाम अंकित कराया जा सकता है।

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