तीसरा खंबा

विक्रय के अनुबंध का पंजीयन अनिवार्य नहीं है।

agreementसमस्या-

नितिन ने उत्तर प्रदेश गाजियाबाद से पूछा है-

मेरा एक मित्र गाजियाबाद में एक मकान लेना चाहता है। मकान मालिक से उसकीबातचीत पक्की हो गई है। लेकिन पूरे पैसे इक्टठे नहीं हो पाने के कारण अभीरजिस्ट्री नहीं करा पा रहा है। मकान मालिक को कुछ पैसे देकर विक्रय अनुबंध करवाना चाहता है। सुरक्षा के लिहाज से इस में कितने रुपयेका स्टाम्प पेपर लगेगा और क्या इसका रजिस्ट्रेशन जरूरी है? कृपया मार्गदर्शनकरें।

समाधान-

स्थावर संपत्ति के विक्रय का अनुबंध (Agreement to sale of immovable property) जिस में संपत्ति का कब्जा लेने का कथन नहीं किया गया हो और विक्रय पत्र के पंजीयन से पहले संपत्ति का कब्जा देने का उल्लेख न हो तो जितनी स्टाम्प ड्यूटी विक्रय पत्र पर लगती है उस की आधी स्टाम्प ड्यूटी पर अनुबंध होना चाहिए।

स्थावर संपत्ति के विक्रय पर उत्तर प्रदेश में संपत्ति के बाजार मूल्य के 12.5 प्रतिशत स्टाम्प ड्यूटी है। उदाहरणार्थ यदि किसी संपत्ति का मूल्य 1,00,000/- रुपया है तो उस के विक्य पत्र पर 12500/- रुपया स्टाम्प ड्यूटी देनी होगी और विक्रय के अनुबंध पर 6.25 प्रतिशत स्टाम्प ड्यूटी देनी होगी। हम यह स्टाम्प ड्य़ूटी हमारे रिकार्ड के अनुसार बता रहे हैं। फिर भी आप को स्थानीय उप पंजीयक कार्यालय से स्टाम्प ड्यूटी की दर के बारे में जानकारी ले लेनी चाहिए।

नुबंध पर जितनी स्टाम्प ड्यूटी अदा की जाएगी उतनी स्टाम्प ड्यूटी विक्रय पत्र के पंजीयन के समय कम हो जाएगी।

विक्रय के अनुबंध का पंजीयन अनिवार्य नहीं है। लेकिन यदि आप उस का पंजीयन करवा लेते हैं तो आप सुरक्षित रहेंगे।

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