समस्या-
शेख रहमुद्दीन ने छपरा, जिला सिवनी, मध्यप्रदेश से पूछा है-
मैंने एक हार्वेस्टर बिक्रीपत्र निष्पादित कर खरीदा। बिक्री पत्र की नोटेरी द्वारा की गयी फोटो प्रति मेरे पास है। मेरे वकील द्वारा विक्रेता को नाम ट्रान्सफर के लिए नोटिस दिया गया। विक्रेता ने नोटिस के जवाब-पत्र में कहा कि बिक्री पत्र फर्जी है। हारवेसटर बिक्री नहीं किया गया बल्कि किराए पर दिया है। क्या न्यायालय में बिक्री पत्र साबित हो सकेगा? पैसा नगद दिया गया है।
समाधान-
हारवेस्टर खरीदने के लिए आपने पैसा दिया है, किसी ने इस बिक्री पत्र पर हस्ताक्षर कर के इसे निष्पादित किया है। यदि बिक्री पत्र निष्पादन करने वाले व्यक्ति की पहचान सही से कर ली गयी थी और आप के गवाह बयान देने को सहमत हों तो इस दस्तावेज को साबित किया जा सकता है।
जवाब में जवाब देने वाले व्यक्ति ने यह स्वीकार किया है कि हार्वेस्टर आप को किराए पर दिया गया था। यह उसका कथन है, इसे साबित करने का भार उस पर होगा। बिक्री पत्र को फर्जी भी उसी ने कहा है। इस दस्तावेज का असल आप के पास नहीं है। लेकिन जिसने फर्जी कहा है उसे ही इसे फर्जी साबित करना होगा।
इस तरह यह स्पष्ट है कि बिक्री पत्र निष्पादित करने वाला व्यक्ति आप के साथ धोखाधड़ी कर रहा है। आप को चाहिए कि आप पुलिस में रिपोर्ट कराएँ। यदि वहाँ रिपोर्ट दर्ज करने से इन्कार कर दिया जाए तो तुरन्त रजिस्टर्ड डाक से तथा स्वयं मिल कर एसपी को परिवाद दें और उस पर भी कार्यवाही न की जाए तो तुरन्त मजिस्ट्रेट के समक्ष परिवाद प्रेषित कर उसे 156 (3) दंड प्रक्रिया संहिता में पुलिस को अन्वेषण के लिए भिजवाएँ।
इसके साथ ही आप एक निषेधाज्ञा का वाद संस्थित कर उक्त हार्वेस्टर का कब्जा आपसे वापस लिए जाने के विरुद्ध अस्थाई निषेधाज्ञा प्राप्त करने का प्रयत्न करें।