तीसरा खंबा

आयकर विवरणी या असेसमेंट ऑर्डर ही आय के सबसे अच्छे सबूत हैं।

समस्या-

यशपाल सिंह ने कैथल, हरियाणा से पूछा है-


मैं जानना चाहता हूँ कि वाहन दुर्घटना क्लेम में मृतक की आमदनी के रूप मे क्या क्या दस्तावेज़ दिये जा सकते हैं? एक मृतक व्यक्ति जो एक कम्बाइन हार्वेस्टर का मालिक था और उस कम्बाइन हार्वेस्टर को उसने फाइनेंस/ लोन पर लिया हुआ है, जिसकी वह हर 6 माह मे 132000 रुपये की किस्त अदा कर रहा था, जिसके अनुसार उसकी आमदनी 22000 रुपये प्रति माह बनती है। क्या उसकी आमदनी के रूप मे उसकी लोन की स्टेटमेंट अदालत मे मान्य होगी। उस मृतक व्यक्ति ने पहले भी कम्बाइन हार्वेस्टर का लोन लिया हुआ था जो कि उसने सही टाइम पर दे दिया था, जिसकी जिसकी वह हर 6 माह मे 142000 रुपये की किस्त अदा कर रहा था। क्या पिछले लोन की स्टेटमेंट भी साथ लगाने से फायदा होगा। मृतक कम्बाइन हार्वेस्टर का मालिक एक भारी वाहन चालक भी था और उसके पास लाइसेंस भी था। जबकि दुर्घटना कारित करने वाले के पास न बीमा है ना लाइसेंस है। दुर्घटना मोटर साइकिलों की आमने सामने की टक्कर से हुई है।

समाधान-

आप के प्रश्न से प्रतीत होता है मोटर यान दुर्घटना दावा आप ने कर दिया है। फिर आपने वकील भी किया होगा। वैसी स्थिति में सब से बेहतर सलाहकार आपका वकील है।  यदि उस से समस्या हो तो किसी स्थानीय वरिष्ठ वकील से परामर्श करना चाहिए।  

जिस मोटर यान दुर्घटना का आप उल्लेख कर रहे हैं वह आमने सामने की टक्कर में हुई है।  इस कारण यह साबित होने की संभावना अधिक है कि दोनों वाहनों के चालकों का समान दोष है।  ऐसा साबित होने पर दुर्घटना में मृतक की मृत्यु से जो भी क्षतियाँ हुई हैं उन में से आधी के लिए उसे जिम्मेदार माना जाएगा और कुल क्षतियों की आधी राशि ही दावेदारों को प्राप्त होगी।

सामने वाले चालक के पास न तो बीमा था और न ही चालक लायसेंस था। वैसी स्थिति में बीमा कंपनी पक्षकार नहीं बनेगी। सारा दायित्व चालक और वाहन स्वामी पर आएगा। वैसी स्थिति में उस से वसूली में बहुत परेशानी आएगी।  ऐसी स्थितियों में बहुत से वकील यह सलाह देते हैं कि सामने वाले पक्षकार से समझौता कर लो क्यों कि हो सकता है कि अदालत जिस राशि का दावा मंजूर करे वह कभी वसूल ही नहीं हो सके।

अब आप काम मूल प्रश्न कि आय के लिए क्या पेश किया जाए? आय का सर्वोत्तम सबूत आयकर विभाग को भरी गयी आयकर विवरणी या असेसमेंट ऑर्डर होता है।  इसके अभाव में अदालतें अक्सर मृतक की आय को न्यूनतम मजदूरी तक सीमित कर देती हैं। एक भारी वाहन चालक के लिए सरकार द्वारा जो भी न्यूनतम मजदूरी तय होती है उसे ही अदालत मान कर चलती है और उसी के अनुरूप क्षतिपूर्ति तय कर देती है।  ऋण स्टेटमेंट से आय का अनुमान नहीं किया जा सकता। क्यों कि उसमें केवल ऋण की राशि और चुकाई गयी राशि का विवरण होता है और चुकाई गयी राशि तो कहीं से भी व्यवस्था कर के भी चुकाई जा सकती है।  मृतक ने कम्बाइन हार्वेस्टर की खरीद के लिए ऋण लिया था। उसे अपनी तत्कालीन आय तो दिखानी ही पड़ी होगी। जो बैंक बिना आयकर विवरणियों के नहीं मानता। इस कारण आप को उनकी आयकर विवरणियाँ या फिर असेसमेंट आर्डर तलाश कर के उन्हें ही आय के सबूत के रूप में प्रस्तुत करना चाहिए।

 

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