तीसरा खंबा

तदर्थ नियुक्ति, नियमितिकरण और वरिष्ठता

justiceसमस्या-

कोटद्वार, उत्तराखंड से मंजू कापर्वान ने पूछा है –

मेरी नियुक्ति 1990 में तदर्थ सहायक अध्यापिका के पद पर हुई थी और मेरा 1999 में नियमितिकरण हुआ है। मुझे 1999 से वरिष्ठता प्रदान की गई है। 1990 से आज तक मैं ने बिना व्यवधान के नौकरी की है और सभी  वेतनवृद्धियाँ नियमित कर्मचारी की तरह मिली हैं। केवल मुझे और मेरे साथ के 3000 शिक्षकों को वरिष्ठता 1999 से दी गई है। एक शिक्षक सुप्रीम कोर्ट गया था उसे वरिष्ठता नियुक्ति से मिली थी लेकिन अब विभाग ने उसे अमान्य कर दिया है। तदर्थ नियुक्ति को कितने वर्ष में नियमित करने का नियम है? और मुझे वरिष्ठता कब से मिलनी चाहिए?

समाधान-

प की वरिष्ठता इस बात से निर्भर करेगी कि 1990 में जब आप को तदर्थ नियुक्ति दी गई तब आप के चयन के लिए क्या प्रक्रिया अपनाई गई थी। सुप्रीम कोर्ट ने 12 फरवरी 2008 को Z. Ajeesudeen vs Union Of India & Ors के मुकदमे में यह निर्णीत किया है कि …..

“In our opinion, for adhoc service to be counted it is not enough that there is a rule permitting adhoc appointment. It is also necessary that the appointment was made after following the procedure prescribed for making a regular appointment. Only then will the adhoc service be counted, otherwise it will not.”

दि सेवा नियम तदर्थ नियुक्ति को अनुमत करते हैं तो नियुक्त किए कर्मचारी को तदर्थ नियुक्ति की तिथि से वरिष्ठता नहीं दी जा सकती। उस के लिए यह आवश्यक है कि उस की नियुक्ति के लिए प्रक्रिया भी वही अपनाई गई हो जो कि नियमित नियुक्ति के लिए आवश्यक है।

स तरह यदि आप के चयन और नियुक्ति के लिए वही सारी प्रक्रिया अपनाई गई थी जो कि एक नियमित नियुक्ति के लिए अपनाई जानी चाहिए थी तो आप को वरिष्ठता आप की तदर्थ नियुक्ति की तिथि से ही प्राप्त होगी अन्यथा आप का नियमितिकरण होने की 1999 की तिथि से प्राप्त होगी।

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