समस्या-
अनिल सिंह ने कन्नोज, उत्तर प्रदेश से समस्या भेजी है कि-
मेरी विवाहित बहन के कमरे और चेंजिंग रूम में ससुराल वालों ने सीसीटीवी कैमरा लगाया। जिस पर विवाद हुआ और पुलिस को लिखित सूचना देने के बाद मैं उसको अपने घर ले आया। इसकी रिकॉर्डिंग है मेरे पास। दहेज़ उत्पीड़न और घरेलू हिंसा का मुकदमा कर दिया है। परंतु मै चाहता हूँ कि किसी भी तरीके से मेरी बहन ससुराल पहुँच जाये। क्या मेरी बहन बगैर ससुराल वालों की मर्ज़ी के ससुराल में रह सकती है।
समाधान-
यह एक जटिल समस्या है। किसी भी घर में उस घर के स्वामी की इ्च्छा के विरुद्ध निवास करना संभव नहीं है। विशेष रूप से उस स्थिति में जब कि उस घर के स्वामी आप की बहिन पर इतनी निगाह रखते हों कि उस के निजी कमरे व चेंजिंग रूम में सीसीटीवी लगा कर रखते हों। यह तो ऐसा क्रूर कृत्य है जिस के आधार पर कोई भी स्त्री अपने पति से विवाह विच्छेद की डिक्री प्राप्त की जा सकती है। सीसीटीवी कैमरे से प्राप्त वीडियों व चित्रों के माध्यम से आपकी बहन को आप की बहन के पति व उस के ससुराल वाले ब्लेकमेल कर सकते हैं और उसे किसी भी तरह का घिनौना कृत्य करने पर बाध्य कर सकते हैं।
आप की बहिन ने घरेलू हिंसा से महिला संरक्षण अधिनियम के अन्तर्गत मुकदमा किया है। इस अधिनियम की धारा 19 में निवास का आदेश दिए जाने की शक्ति मजिस्ट्रेट को प्रदान की गयी है। आपकी बहिन के आवेदन में इस तरह की प्रार्थना नहीं की गयी है तो आप की बहिन उक्त आवेदन में संशोधन के माध्यम से यह प्रार्थना कर सकती है कि उसे ससुराल में अपने कमरे में निवास करने से न रोका जाए। यदि परिस्थितियाँ ऐसी हों कि यह संभव न हो तो उसे ससुराल वालों, पति से ऐसा आवास उपलब्ध कराया जाए जिस में वह निवास कर सके।
इतना कुछ हो जाने के बाद आप की बहिन का क्या उस घर में रहना सुरक्षित होगा? इस प्रश्न पर विचार अवश्य करें। आप की बहिन धारा 9 हिन्दू विवाह अधिनियम में भी दाम्पत्य अधिकारों की पुनर्स्थापना काआवेदन कर सकती है। धारा 125 दंड प्रकिया संहिता में भरण पोषण के आदेश के लिए आवेदन कर सकती है। तमाम परिस्थितियों में पति के साथ उस का रह पाना तभी संभव है जब कि आपसी सहमति बने। धारा9 के प्रकरण में न्यायालय इस तरह के प्रयत्न करता है। शायद उस से बात बन जाए। दोनों के बीच वैधानिक समझौता हो कर शर्तें तय हों तभी बहिन को ससुराल भेजना संभव हो सकता है।