तीसरा खंबा

मुस्लिम विधि में सभी संपत्तियाों पर उसी का अधिकार होता है वह जिस के नाम होती है।

rp_gavel9.jpgसमस्या-

अरशद ने नवाबगंज, सहारनपुर, उत्तरप्रदेश से पूछा है-

मेरे पिताजी के पास एक मकान है जो उन को मेरे दादा जी से विरासत में मिला था। मेरे पिताजी के पीछे एक आदमी पड़ा है जो उस मकान को खरीदना चाहता है वह पिताजी को दारू पिला देता है पिताजी भी मकान बेचने को तैयार हैं। हमारे घर वालों को क्या कदम उठाने चाहिए कि वे मकान न बेचें।

 

समाधान-

मुस्लिम विधि में सभी संपत्तियाँ वैयक्तिक होती हैं अर्थात संपत्ति पर उसी का अधिकार होता है जिस के वह नाम होती है। यह संपत्ति आप के पिता जी के नाम है तो उन की व्यक्तिगत संपत्ति है और उन्हें इसे बेचने का अधिकार है। वे इस संपत्ति को बेच सकते हैं।

इस संपत्ति को बेचने से रोकने का कोई कानूनी रास्ता नहीं है। कानून तरीके से न आप न आप का परिवार इस संपत्ति को बेचने से आप के पिता को नहीं रोक सकता है। यह आप और आप के परिवार पर निर्भर करेगा कि आप कैसे अपने पिता को इस काम को करने से रोक सकते हैं।

यदि आप या आप के परिवार के लोग उस संपत्ति को परिवार के किसी सदस्य या एक से अधिक सदस्यों के नाम हस्तांतरित करवा लें तो ही यह संपत्ति बिकने से रुक सकती है अन्यथा नहीं।

Exit mobile version