तीसरा खंबा

विक्रय पत्र में बेची गयी संपत्ति का पूरा वर्णन न हो तो विक्रेता से संशोधन विक्रय पत्र निष्पादित करवा कर पंजीकृत करवाएँ

समस्या-

पानीपत, हरियाणा से दीपक ने पूछा है-

 हम ने पानीपत में एक मकान खरीदा है, 28 अगस्त को उस के विक्रय पत्र की रजिस्ट्री हुई है।  ह्मारे मकान का प्लाट कुल 78 गज का है। लेकिन मकान के ग्राउंड फ्लोर की 17 गज जमीन बेची हुई है जिस में अब एक डाक्टर की दुकान है। इस तरह भूतल पर प्लाट और निर्माण 61 गज का है और प्रथम तल 78 गज में ही बना हुआ है। अब हमारी रजिस्ट्री केवल 61 गज की हुई है जिस में प्रथम तल 78 गज में निर्मित है। क्या यह हमारे लिए भविष्य में परेशानी का कारण बन सकता है? इसी बात को सोच कर पिताजी बहुत तनाव और अवसाद में हैं। क्या हमें यह गलती ठीक करवानी चाहिए? यदि ठीक करवाएँ तो कैसे होगी?

 समाधान-

दीपक जी, तीसरा खंबा कोई प्रोफेशनल सेवा नहीं है। तीसरा खंबा पर जो भी समस्याएँ आती हैं उन में से अनेक अनुत्तरित भी रह जाती हैं।  कोशिश यह की जाती है कि सभी समस्याओं का हल जल्दी से जल्दी प्रस्तुतद किया जाए। आप ने कल शाम को प्राप्त हुआ, आज आप ने तुरंत उस का उलाहना भी दिया। यदि आप को बहुत ही शीघ्रता थी तो इस का हल तुरंत आप को उसी वकील या रजिस्ट्री कराने वाले डीडराइटर से पूछ लेना चाहिए था। वह निश्चित रूप से बता देता।

दि आप को बेचा गया भूखंड रजिस्टर्ड विक्रय पत्र में केवल 61 गज का ही अंकित है और यह अंकित नहीं है कि प्रथम तल पर 78 गज में निर्माण है। तो निश्चित रूप से यह आप के लिए परेशानी का कारण बन सकता है। वास्तव में विक्रय पत्र में बेचे जाने वाली संपत्ति का पूर्ण विवरण अंकित होना चाहिए था। उस में अंकित होना चाहिए था कि भूखंड 78 गज का था जिस पर दो मंजिला मकान बना हुआ है। इस में से ग्राउंड फ्लोर का 17 गज का भूखंड और उस पर भूतल पर बना निर्माण किसी अन्य व्यक्ति को विक्रय किया जा चुका है लेकिन उस पूर्व में बेच दिए गए 17 गज के भूखंड पर बने निर्माण की छत वर्तमान में आप को बेची जा रही संपत्ति में सम्मिलित है। विक्रय पत्र में प्रत्येक तल पर निर्मित क्षेत्रफल अलग अलग लिखा जाता है जिस में आप के मामले में लिखा जाना चाहिए था कि भूतल पर 61 गज का भूखंड और उस पर निर्मित क्षेत्रफल 61 गज, प्रथम तल पर पूर्व में बेचे गए 17 गज भूखंड व प्रथम तल की छत सहित निर्मित क्षेत्रफल 78 गज है। इस  तरह संपूर्ण निर्मित क्षेत्रफल 139 गज है।

प को विक्रय पत्र को एक बार ध्यान से जाँच लेना चाहिए कि उस में यह स्पष्ट है कि नहीं कि पूर्व में बेचे गए भूखंड के भाग और उस पर निर्मित भूतल के निर्माण की छत तथा उस छत पर निर्मित हो रहे निर्माण सहित आप को विक्रय की जा रही है। यदि यह स्पष्ट नहीं है तो निश्चित रूप से आप के लिए परेशानी का कारण है। आप को इसे तुरंत दुरुस्त करवा लेना चाहिए।

स त्रुटि को ठीक करवाने में न्यायालय का कोई काम नहीं है। कोई भी विक्रय विक्रेता और क्रेता के मध्य हस्तांतरण है। जिस का पंजीयन पंजीयक के यहाँ होना आवश्यक है।  उस विक्रय पत्र से उतनी ही संपत्ति पर आप को अधिकार प्राप्त हुआ है जितनी उस में स्पष्ट रूप से अंकित है।  इस अस्पष्टता का लाभ उठा कर 17 गज भूखंड और उस पर निर्मित भूतल का स्वामी प्रथम तल के उस के ऊपर निर्मित हिस्से पर अपना अधिकार जता कर आप को परेशान कर सकता है।  अब चूंकि यह मामला क्रेता और विक्रेता के बीच का है तो दोनों के बीच ही सुलझ सकता है। इस के लिए आप को विक्रेता से कहना पड़ेगा कि प्रथम तल के 17 गज के निर्माण के बारे में विक्रय पत्र में कुछ नहीं लिखा है इस लिए उस 17 गज के भूतल के निर्माण की छत तथा उस पर प्रथम तल पर निर्मित निर्माण के लिए एक और विक्रय पत्र उसे निष्पादित कर पंजीकृत करवानी होगी। यदि यह केवल विक्रय पत्र के प्रारूपण या टंकण की त्रुटि है तो एक संशोधन विक्रय पत्र निष्पादित करवा कर उस का पंजीयन करवाना पड़ेगा।  इस के लिए आप विक्रेता से बात करें और 17 गज के प्रथम तल की छत तथा उस पर निर्मित प्रथम तल के निर्माण के विक्रय पत्र अथवा संशोधन विक्रय पत्र की रजिस्ट्री जितना शीघ्र हो करवाएँ। यदि विक्रेता आनाकानी करे तो फिर आप को पूर्व में हुए विक्रय की संविदा (सेल एग्रीमेंट) में यह बात लिखे होने के आधार पर विक्रेता के विरुद्ध दीवानी न्यायालय में संविदा के विशिष्ट पालन का मुकदमा यह अतिरिक्त विक्रय पत्र निष्पादित कराने और उस का पंजीयन करवाने के लिए लाना पड़ेगा।

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