समस्या-
अहमद ने जिला देवरिया, (उत्तर प्रदेश) समस्या भेजी है कि-
मेरे पिताजी के पिता जी के नाम पर एक पुश्तैनी जमीन थी जिसका बंटवारा 37 साल पहले मेरे पिता और उनके छोटे भाई ने आपसी रजामंदी से कर लिया था। मेरे पिता ने अपने हिस्से के 15*40 स्क्वायर फुट के प्लाट पर 37 साल पहले ही पक्का मकान बनवा लिया, कितु उनके भाई ने अपने हिस्से के 15*40 पर कोई निर्माण नहीं करवाया। अब मेरे पिता उनके भाई एवं भाई की पत्नी तीनों की मृत्यु हो चुकी है। मेरी माँ जीवित और स्वस्थ है। अभी तक उस पुश्तैनी जमीन के खसरे मे पिता के पिताजी का ही नाम दर्ज है,लेकिन मकान के पिछले 37 सालों की टैक्स पावती,37 साल पुरानी मकान की नंबर प्लेट की पावती मे भी पिताजी का ही नाम है।पिता की मृत्यु के बाद घर का जल कर/बिजली बिल मेरे ही नाम से आ रहा। मेरे परिवार के सद्स्यो का नाम भी राशन कार्ड में है तथा सभी के जाति/ निवास पत्र भी बने है। पिताजी के मकान का नगर निगम टाउन एरिया से स्वीकृत नक्शा भी पिताजी के नाम पर है। अब विवाद का विषय यह है कि मेरे पिता के भाई का इकलौता पुत्र 37 साल पहले हुए बंटवारे को मान नही रहा, उसका कहना है कि जमीन के खसरे मे उसके पिता के पिता का नाम है तथा बंटवारे की कोई बात नही लिखी। अब वह छल कपट मारपीट पर उतारू है। मकान और उसके पीछे मौजूद उसके खुद के प्लाट का बंटवारा करने को कह रहा। मैं ने उससे कहा कि यदि 37 साल पहले बंटवारा नही हुआ होता तो तुम्हारे पिताजी क्या यह मकान बनाने देते,अपने भाई पर केस न कर दिये होते? लेकिन वह नही मान रहा और न ही मुझ पर बंटवारे विवाद पर कोर्ट केस कर रहा क्यों कि वह जानता है कि उसका मकान मे कोई हक नहीं। वह यही कह रहा कि अपना मकान हमको बेच दो या आधा हिस्सा दो, नहीं तो झूठे केस मे फंसाकर सबको जेल करवा देंगे। महोदय इन परिस्थितियो में मुझे क्या कदम उठाना चाहिये। इस समय मैं मध्यप्रदेश में नौकरी कर रहा हूँ, मेरा परिवार भी साथ में है और गांव के मकान में मेरा ही ताला लगा है। किस तरह से मकान का खसरा अपने नाम से बनवा सकता हूँ। जिससे कि भविष्य मे कभी उसे बेच सकूँ। क्या चाचा का पुत्र मेरे पिता का आधा मकान हड़प लेगा? क्या मेरे पास मौजूद डाक्युमेंट से मेरे नाम से खसरा बन जाएगा?? कृपया उचित सलाह दीजिए मै क्या करूं?
समाधान-
कानून और अदालत से तो वह आप के मकान में हिस्सा लेने में असमर्थ है। इसी से वह आप को उलझाने की धमकी देता है। यह सब वह स्थानीय दोस्तों आदि के सिखाए में कहता है। उसे लगता है कि आप परदेसी हो गए हैं। मकान बेचेंगे ही, उसे सस्ते में पल्ले पड़ जाएगा। आप सख्त बने रहें, और यदि वे लोग न्यूसेंस करने की कोशिश करे तो उस की पुलिस को रिपोर्ट कराएँ। साथ के साथ गाँव में मित्र बनाए रखें जिस से आप को वहाँ के हालात की जानकारी मिलती रहे। कोरी धमकियों के आधार पर कोई भी कार्यवाही करना उचित नहीं है, धमकियों को आप प्रमाणित नहीं कर सकेंगे। बेहतर है दृढ़ता बनाए रखें। चचेरा भाई यदि कुछ न्यूसेंस करे तो उस के विरुद्ध अपराधिक कार्यवाही तो करें ही। मकान पर कब्जा करने की उस की कोशिश के विरुद्ध न्यायालय से स्थगन भी प्राप्त करें। आप का मामला परिस्थितियों के अनुसार कार्यवाही करने का है। इस कारण गाँव के जिले के किसी अच्छे वकील से सलाह ले कर जिस तरह की कार्यवाही वे उचित समझें करें। व्यर्थ मुकदमेबाजी में भी न पड़ें।