समस्या-
अभिषेक मिश्रा, ग्राम- बढ़नी, पोस्ट- बढ़नी, निकट गोटवा बाजार, थाना- नगर बाजार, जिला – बस्ती, उत्तर प्रदेश से पूछा है-
हमारे गांव में मेरे घर एवं लगभग 15 परिवारों के लोगों के आने जाने का मुख्य मार्ग से लगा हुआ एक मार्ग है जो कि बहुत पुराने समय से (लगभग 80 वर्ष से) आवाजाही का मुख्य मार्ग है तथा वह एक व्यक्ति की सम्पत्ति है जिस में कोई मकान नहीं बना है। परन्तु उस मार्ग को उस व्यक्ति द्वारा बन्द कर दिया जा रहा है। वैकल्पिक रास्ता जो अभी हाल में ही बना है परन्तु वह एक काम चलाऊ रास्ता मात्र है, उस पर से कृषि वाहन एवं निजी वाहन नहीं निकल सकते हैं। रास्ता बंद हो जाने से बहुत से परिवारों को दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है। क्या उक्त परेशानी का निवारण कानून की सहायता से किया जा सकता है।
समाधान-
जिस मार्ग को लगभग 15 परिवार अपने घरों तक आने जाने के लिए लगभग 80 वर्ष से कर रहे हैं वह पूरी तरह सार्वजनिक मार्ग है। ऐसे मार्ग की भूमि किसी एक व्यक्ति की नहीं हो सकती। यदि उस भूमि पर स्वामित्व का दस्तावेज हो अथवा किसी रिकार्ड में दर्ज हो तब भी वह मार्ग की भूमि सार्वजनिक हो चुकी है। ऐसे किसी मार्ग को न कोई व्यक्ति न ही कोई सरकार या ग्राम पंचायत आदि बन्द कर सकते हैं।
बीस या अधिक वर्ष के लम्बे समय से जिस मार्ग पर हो कर लोग अपने स्वामित्व की संपत्ति घर /मकान तक आते जाते हों तो उस मार्ग पर उन संपत्ति धारकों का सुखाधिकार उत्पन्न हो चुका है उसे बाधित नहीं किया जा सकता।
यदि उस मार्ग को बन्द किया जा रहा है तो उन सम्पत्तियों के धारक जो उस मार्ग से हो कर आते जाते हैं संयुक्त रूप से अथवा व्यक्तिगत रूप से दीवानी न्यायालय में निषेधाज्ञा और घोषणा का दीवानी वाद संस्थित कर सकते हैं और मार्ग को बन्द न करने तथा उसे चालू रखने के लिए अस्थायी निषेधाज्ञा का आवेदन साथ में प्रस्तुत कर न्यायालय से अस्थायी व स्थायी व्यादेश जारी करवा सकते हैं। इसके लिए उन्हें किसी स्थानीय वकील की सेवाएँ प्राप्त करनी होंगी।
उक्त वाद आवश्यक प्रकृति (Urgent nature) का है इस कारण लॉकडाउन की स्थिति में भी प्रस्तुत किया जा सकता है और अस्थायी निषेधाज्ञा प्राप्त की जा सकती है। तुरन्त वाद संस्थित करना उचित होगा।