तीसरा खंबा

अपील से पुनर्प्रेषित मामले में निर्णय कानून के अनुसार होगा, जिसकी फिर से अपील की जा सकती है।

समस्या-

आकाश सोनी ने खंडवा, मध्यप्रदेश से पूछा है-

मेरे पिता के 6 भाई है पिताजी सबसे बड़े है। मेरे सबसे छोटे चाचा ने बिना किसी सूचना के नामांतरण करा लिया था वसीयत के आधार पर। जिसमें 139 प्लाट में 287 वर्गफीट है। उसने नजूल में 139 में पूरा 520 वर्गफीट का नामांतरण करा लिया बिना किसी वारिसान को पक्षकार बनाये ओर उसके द्वारा आवेदन पत्र में पूरा नामांतरण करने का आवेदन पेश किया था। मेरे पिताजी द्वारा अपर कलेक्टर को अपील की गई जो कि स्वीकार की गई, और पूरा नामांतरण निरस्त कर दिया गया। अपीलार्थी (पिताजी) को आदेश दिया गया कि नया आवेदन नजूल में प्रस्तुत करें, जिसका निराकरण समय सीमा में हो। मेरा प्रश्न यह है कि मेरे पिताजी द्वारा आवेदन किया गया कि कलेक्टर आर्डर के साथ कि सभी भाइयो का नामांतरण हो जाये। लेकिन छोटे चाचा ने नई आपत्ति लगा दी कि रजिस्टर्ड वसीयत के अनुसार मेरे नाम नामांतरण हो 280 वर्ग फीट पे तो मेरा पूछना यह है कि नामांतरण हो जायेगा या उससे अपर आयुक्त की पास अपील करना पड़ेगी?

समाधान-

कलेक्टर ने पूर्व नामांतरण को निरस्त किया होगा और फिर नए सिरे से नामान्तरण के मामले को निर्णीत किया होगा। अब स्थिति यह है कि वसीयत मौजूद है। आप वसीयत को चुनौती नहीं देते हैं तो वसीयत के अनुसार नामांतरण होगा। शेष बची भूमि का उत्तराधिकार के अनुसार होगा। यदि यह माना जाता है कि वसीयत कानून के अनुसार नहीं है तो पूरी भूमि का नामान्तरण उत्तराधिकार के अनुसार होगा।

नामांतरण हो जाने के बाद यदि पक्षकारों में से कोई भी यदि यह समझता है कि सही नहीं हुआ है तो पुनः अपील जिला कलेक्टर को ही होगी। अपर आयुक्त को नहीं होगी। हाँ कलेक्टर के निर्णय से भी नाराजगी रहे तो आगे अपील की जा सकती है। बेहतर है कि इस मामले में आप को जो भी पूछताछ करनी है अपने वकील से करें। जिस ने कलेक्टर के यहाँ नामान्तरण की अपील में पैरवी की और पूर्व नामांतरण को निरस्त कराया।

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