तीसरा खंबा

नामान्तरण के पहले आप को अपने लापता पिता को मृत घोषित कराना होगा।

rp_gavel-1.pngसमस्या-

राजीव दीक्षित ने लुधियाना, पंजाब से पूछा है-

मेरे पापा ने 1975 में 200 गज जमीन अपने नाम से ख़रीदी थी। सन 2000 में उनकी दिमागी हालत ख़राब हो जाने के कारण वो कहीं भाग गए और आज तक वापस नहीं आये। उनकी जमीन हमें अपने नाम करानी है।  हमारे परिवार में मैं मेरी माता जी, मेरा भाई, चाचा, चाची, और दादा हैं। दादी का देहांत 5 साल पहले हो गया है।  तो क्या ये जमीन सबके नाम होगी या सिर्फ हमारे नाम कृपया हमारा मार्गदर्शन कीजिए।

समाधान-

ह जमीन आप के पिता जी के उत्तराधिकारियों के नाम होगी। उन के जीवित उत्तराधिकारियों में आप, आप का भाई और आप की माताजी हैं। इन तीन उत्तराधिकारियों को बराबर का हिस्सा उक्त जमीन में प्राप्त होगा। दादा और चाचा-चाची को इस संपत्ति में से कुछ भी प्राप्त नहीं होगा। इस संबंध में आप को सबूत प्रस्तुत कर के नगर निगम में नामान्तरण कराना पड़ेगा।

यह नामान्तरण तभी संभव  हो सकेगा जब कि आप अपने पिता का मृत्यु प्रमाण पत्र प्राप्त कर लेंगे।  इस के लिए आप को नगर निगम में पहले आप के पिता की मृत्यु को पंजीकृत कराना पड़ेगा।  यह कैसे होगा इस की प्रक्रिया आप को स्थानीय नगर निगम से ही पता करना होगा। वे आप के पिता की मृत्यु का पंजीयन करने से मना कर सकते हैं। आप के पिता लापता हैं लेकिन उन्हें कानून के अंतर्गत लापता होने की तिथि से सात वर्ष के उपरान्त मृत माना जा सकता है। साक्ष्य अधिनियम के इस उपबंध के आधार पर एक दीवानी न्यायालय ही इस के लिए घोषणा की डिक्री पारित कर सकता है। तब आप नगर निगम के विरुद्ध दीवानी वाद इस आशय की घोषणा का कर सकते हैं कि आप के पिता को मृत माना जाए क्यों कि उन्हें लापता हुए 7 वर्ष से अधिक समय हो चुका है तथा आप के पिता की संपत्ति का नामान्तरण किया जाए। लापता होने की तिथि उन की गुमशुदगी रिपोर्ट में गुमशुदगी की जो तारीख अंकित है उसी तारीख से उन्हें मृत माना जाएगा।

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