दीप सिंह भाटी ने फलौदी, जोधपुर से पूछा है-
मेरे मामाजी का निधन 2011 में हो चुका है। मेरे मामाजी के पीछे कोई औलाद नहीं है, मेरी मामीजी ही हैं। मेरे मामाजी के नाम से जमीन है जिस में मेरी मामाजी अपनी सहमति से मेरी मां सहित तीन ननदो के नाम अपने साथ जमीन में नामान्तरण कराना चाहती हैं जो कि किस प्रकार संभंव है?
समाधान-
आप के मामाजी की एक मात्र उत्तराधिकारी आप की मामी जी हैं। इस कारण मामाजी की संपूर्ण संपत्ति की स्वामिनी आप की मामीजी हो गयी हैं। कानून व नियमों के अनुसार उन की समस्त भूमि का नामान्तरण उन के नाम ही होगा। अन्य किसी का नाम उस में जुड़ना संभव नहीं है। यदि आप की माँ व उन की बहनों का नाम खाते में जुड़ता है तो यह एक तरह से संपत्ति हस्तान्तरण होगा। जो किसी रजिस्टर्ड डीड के द्वारा ही संभव है, अन्य प्रकार से नहीं।
यदि यह संपत्ति मामाजी को आप के नानाजी से प्राप्त हुई थी तो उस रिकार्ड को तलाश करें। यदि वह रिकार्ड मिल जाता है उस की मदद से यह कहा जा सकता है कि आप के नाना जी के चार उत्तराधिकारी आप के मामा और आप की माँ व अन्य दो बहनें थीं। गलती से उन का नाम फौती नामान्तरण दर्ज होते समय छूट गया था। जब कि तीनों बहनें अपने भाई के साथ बराबर की हिस्सेदार थीं। इस कारण चारों का नाम नामान्तरण के माध्यम से खाते में दर्ज किया जाए। इस नामान्तरण का विरोध केवल आप की मामीजी कर सकती हैं लेकिन वे स्वयं ऐसा चाहती हैं। इस तरह यह नामान्तरण संभव हो सकता है।