समस्या-
बाबूलाल महावर ने जयपुर राजस्थान से पूछा है-
मैं ने सन 1987 में अपने पैसे से खुद का प्लाट खरीदा और सन 1992 से प्लाट पर रह रहा हूँ। सन 2000 में मैने अपने छोटे भाई को एक कमरे में रख लिया और अब मेरे छोटे भाई ने कोर्ट में केस किया कि ये प्लाट पापा ने खरीदा है और तुम ने आपने नाम करा लिया, मुझे आधा हिस्सा चाहिए। प्रॉपर्टी मेरे नाम है। अब उस को प्लाट से खाली कैसे कराएँ।
समाधान-
आप ने उसे भाई होने के नाते एक कमरे में रहने दिया। इस का सीधा अर्थ यह है कि वह आप का नातेदार होने के कारण आप की अनुमति से आप के मकान में एक कमरे में निवास कर रहा है। इस तरह वह एक लायसेंसी की हैसियत से उस मकान में रह रहा है।
एक लायसेंसी को मकान से निकालने का एक ही तरीका है कि उसे नोटिस दिया जाए कि उसका लायसेंस तुरन्त प्रभाव से खत्म किया जाता है और वह निश्चित अवधि मसलन, 15 दिन या एक माह में कमरा खाली कर दे अन्यथा उसे अतिक्रमी मान कर उससे कमरा खाली कराने की कार्यवाही की जाएगी।
नोटिस की अवधि समाप्त हो जाने पर उसके विरुद्ध कमरे से उसे बेदखल कर उसका कब्जा प्राप्त करने का वाद आप को संस्थित करना पड़ेगा। यदि आपके विरुद्ध जो मुकदमा आपके भाई ने किया है उसमें अभी तक आप की और से जवाब दावा (written statement) प्रस्तुत नहीं किया गया है तो आप उसी में प्रतिदावे (Counter claim) के रूप में अपना दावा प्रस्तुत कर सकते हैं।
काउंटर क्लेम पर उतनी ही कोर्ट फीस अदा करनी पड़ेगी जितनी की दावा करने में आप को करनी पड़ती। यह कोर्ट फीस उस कमरे के बाजार मूल्य के आधार पर संगणित की जाएगी। बाजार मूल्य का मूल्यांकन आप राजस्थान सरकार के पंजीयन विभाग द्वारा घोषित की गयी प्रचलित डीएलसी दरों के हिसाब से कर सकते हैं।