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काँपीराइट को समझें, इस का उल्लंघन करने पर तीन साल तक की सजा, साथ में ढ़ाई लाख तक जुर्माना हो सकता है

इन दिनों हिन्दी ब्लॉगिंग में कॉपीराइट का चर्चा रहा। एक-दो चिट्ठाकार साथियों से बातचीत से ऐसा अनुभव हुआ कि अधिकांश चिट्ठाकारों को कॉपीराइट कानून के सम्बन्ध में प्रारंभिक जानकारी भी नहीं है। कोई भी मामला अदालत के सामने आने पर कानून हमेशा यह मानता है कि प्रत्येक कानून का सभी नागरिकों को ज्ञान है। यदि आप किसी कानून के उल्लंघन के बारे में अदालत के समक्ष यह दलील दें कि आप तो उस से अनभिज्ञ थे और अनजाने में आप उस का उल्लंघन कर के कोई अपराध कर बैठे हैं तो अदालत आप की इस दलील पर कोई ध्यान नहीं देगी और आप को अनजाने में किए गए अपराध की सजा भुगतनी पड़ेगी। हाँ, अदालत सजा देते समय उस की मात्रा और प्रकार के बारे में विचार करते समय इस तथ्य को जरुर ध्यान में रखेगी कि आप ने यह अपराध पहली बार किया है या फिर दोहराया है। पहली बार में सजा मामूली चेतावनी या अर्थदण्ड होगी तो दूसरी बार में जेल जाने का अवसर आना अवश्यंभावी है। आप की जानकारी के लिए इतना बता दूँ कि किसी भी कॉपीराइट के उल्लंघन पर कम से कम छह माह की कैद जो तीन वर्ष तक की भी हो सकती है, साथ में अर्थदण्ड भी जरुर होगा जो पचास हजार रुपयों से कम का न होगा और जो दो लाख रुपयों तक का भी हो सकता है। इस सजा को अदालत पर्याप्त और विशिष्ठ कारणों से कम कर सकती है लेकिन उसे इन पर्याप्त और विशिष्ठ कारणों का अपने निर्णय में उल्लेख करना होगा।

भारत में कॉपीराइट

किसी भी सोच या विचार की अभिव्यक्ति का विभिन्न रूपों में पुनरुपयोग करने के अधिकार को ही कॉपीराइट कहा जाता है। इसे हिन्दी में प्रकाशनाधिकार कहा जाता है। यह शब्द पहले छापे का ही प्रचलन होने के कारण अस्तित्व में आया और सामान्य रुप से प्रचलित हो गया। लेकिन यह शब्द “कापीराइट” शब्द को पूरी तरह अभिव्यक्त नहीं करता है। इसलिए इसे “प्रतिलिप्याधिकार” कहा जा सकता है किन्तु यह हिन्दीकृत शब्द उच्चारण में जुबान की कसरत करा देता है, इसे लिखना भी कुछ कठिन है। इस कारण से कॉपीराइट शब्द इतना प्रचलित हो गया है कि इस के हिन्दी स्थानापन्न को उपयोग करना इस शब्द की अंग्रेजी करना ही समझा जाएगा। इस कारण से इस अंक-माला में कॉपीराइट शब्द का ही प्रयोग किया जा रहा है।

भारत में कॉपीराइट का प्रारंभ अंग्रेजी कानून कॉपीराइट एक्ट 1911(य़ू.के) से हुई थी। जिसे किंचित परिवर्तित कर भारतीय कॉपीराइट एक्ट-1914 बनाया गया था। यह कानून आजादी पर्यंत चलता रहा। आजादी के बाद भारत की संवैधानिक स्थिति परिवर्तित हो जाने पर यह अनुपयुक्त हो गया। कृतिकारों के अधिकारों और दायित्वों के सम्बन्ध में बढ़ती जनता की संचेतना तथा 1914 के कानून के उपयोग के अनुभवों के प्रकाश में कॉपीराइटपर एक सम्पूर्ण स्वतंत्र कानून की आवश्यकता महसूस होने लगी। प्रसारण और लिथो फोटोग्राफी जैसे नए, आधुनिक संचार माध्यमों और भारत सरकार द्वारा स्वीकृत अन्तर्राष्ट्रीय दायित्वों के कारण एक नया कानून लाना जरुरी हो गया। इसी पृष्ठभूमि में वर्तमान में भारत में प्रभावी कानून कॉपीराइट एक्ट, 1957 अस्तित्व में आया जो समय समय पर संशोधित किया जाता रहा है। हम इस अंक-माला में इसी कानून के सम्बन्ध में चर्चा करेंगे। इस कानून में कुल 79 धाराऐं हैं जो 49 पृष्ठों में समाहित हैं। इस कारण यह अंक-माला विस्तृत होगी। और सप्ताह में एक या दो बार ही इसे प्रस्तुत किया जाना संभव हो सकेगा।

कॉपीराइट क्या है?

हमारे बीच कृतिकारों की अनेक श्रेणियां मौजूद है जिन में साहित्यकार, नाटककार, संगीतकार, फिल्मकार और अन्य सभी प्रकार के कलाकार सम्मिलित हैं। ये सभी निरन्तर अपने कौशल, प्रतिभा और श्रम से नयी नयी कृतियों का सृजन करते रहते हैं। प्रत्येक सृजक को अपनी अपनी कृति पर सर्वाधिकार प्राप्त है, जिस में उस कृति का कॉपीराइट भी सम्मिलित है। भारतीय कॉपीराइट कानून के अनुसार कॉपीराइट का अर्थ इस कानून के प्रावधानों की परिधि में, इस कानून के अधिकार से प्राप्त एक-मात्र अधिकार है। यही कारण है कि भारत में कॉपीराइट को समझने के लिए इस कानून को समझना आवश्यक हो जाता है। भारतीय कॉपीराइट कानून काफी विस्तृत है इस की सारी जानकारी प्रस्तुत करना और उस की व्याख्या करना एक भारी श्रम का काम है सभी दैनंदिन आवश्यक कार्यों को करने के साथ-साथ इस काम को करने में एक लम्बा समय लगना स्वाभाविक है। हिन्दी भाषा में यह कार्य उपलब्ध भी नहीं है। इस कारण से इस कार्य में अनुवाद का एक लम्बा काम भी सम्मिलित है। इन तमाम कारणों से इस विषय पर सप्ताह में एक पोस्ट तैयार कर पाना भी कठिन होगा। लेकिन मेरा प्रयास रहेगा कि सप्ताह में एक पोस्ट तो अवश्य ही आप तक पहुँचे।

* आवश्यक टिप्पणी *

पाठक क्षमा करें। इस पोस्ट में पूर्व में भारतीय कॉपीराइट कानून के एक भाग का हिन्दी प्रस्तुतिकरण सम्मिलित था इसे अपर्याप्त पाने पर हटा दिया गया है और इस का अद्यतनिकृत भाग अगली पोस्ट में प्रकाशित कर दिया गया है। जिन पाठकों ने इस पोस्ट को संग्रहीत किया हो वे उसे हटा कर नयी पोस्ट की सामग्री को संग्रहीत कर लें।

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