कानूनी समस्या के हल के लिए कानून से पहले तथ्य जानना जरूरी है
|मेरी दो बहने हैं और हम दो भाई हैं, हम सभी शादी शुदा हैं। मेरा परिवार मध्यवर्गीय है। समस्या यह है कि मेरा मँझला भाई माता-पिता से बहुत ही झगड़ा करता है। इस कारण से माँ-पिताजी उसे अपने साथ नहीं रखना चाहते हैं।। उसे कई बार जाने को कहा पर वह नहीं जाता है। जाने के नाम से भड़क जाता है और माता-पिता को मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित कर अपनी मनमानी करता है। क्या उसे कानूनी तौर पर घर से बेदखल किया जा सकता है। माता-पिता बहुत परेशान हैं। कृपया उचित सलाह दें जिस से उन की समस्या का स्थाई समाधान हो सके।
अक्सर लोग इसी तरह की समस्या ले कर किसी वकील के पास पहुँचते हैं। लेकिन इस तरह की समस्याओं का कोई बंधा बंधाया हल नहीं होता। कानून के अनेक पहलू इन समस्याओं को छू रहे होते हैं और प्रभावित करते हैं। वकील के लिए जरूरी हो जाता है कि वह उस के पास सलाह या समस्या के हल के लिए आए व्यक्ति से इस समस्या से जुड़े बहुत सारे दूसरे तथ्यों की जानकारी करे।
यहाँ मुझे उन जज साहब का ध्यान आ रहा है जो कानूनों पर बड़ा जोर देते थे और उन की अदालत में आने वाले हर वकील को बताया करते थे, “देखिए .यहाँ फलाँ कानून की फलाँ धारा लागू होगी और यहाँ फलाँ कानून की फलाँ धारा लागू होगी”। एक दिन उन्हों ने एक सीनियर वकील को बोल दिया -” वकील साहब, आप को पहले इस से संबंधित कानून पढ़ कर आना चाहिए”। वकील साहब ने विनम्रता से जवाब दिया -योर ऑनर, पहले तो तथ्यों को ही समझना होगा तभी उन पर कानून लागू किया जा सकता है। जज को चुप हो जाना पड़ा।
हम इसी एक समस्या पर विचार करें। यहाँ जो तथ्य बताए गए हैं वे न्यूनतम हैं। जब कि सही सलाह और समस्या के हल के लिए अधिकतम तथ्यों की आवश्यकता होती है। जैसे परिवार मध्यवर्गीय है इस तथ्य से कुछ भी पता नहीं लगता है। यहाँ सभी पुत्रों-पुत्रियों का विवाह हो गया है यह तथ्य भी अधूरा है। समस्या के हल के लिए एक वकील को कम से कमं और जिन तथ्यों की आवश्यकता है वे इस प्रकार हो सकते हैं …..
माता-पिता की उम्र क्या है?
उन के आय के साधन क्या हैं?
पुत्रियों का विवाह हो चुका है वे ससुराल में रहती हैं या माता-पिता के साथ?
तीनों विवाहित भाइयों के आय के साधन क्या क्या हैं?
परिवार का खर्च कैसे चलता है?
परिवार की रसोई एक ही है या अलग अलग?
यदि एक है तो किस का कितना योगदान है?
पिता की संपत्ति क्या है? उस में कितनी उन की स्वअर्जित है और कितनी पुश्तैनी है?
जिस मकान में रहते हैं वह कितना बड़ा है?
वह स्वयं का है या किराए का? स्वयं का है तो उस का किस तरह से परिवार के लोग इस्तेमाल करते हैं?
मँझला भाई किन मुद्दों को ले कर विवाद खड़ा करता है?
जब इन प्रश्नों का उत्तर मिल जाएगा तो फिर कुछ अन्य प्रश्न करने की आवश्यकता होगी। जब तक वकील या सलाहकार समस्या के स्वरूप और उस के मूल तक नहीं पहुँच जाता उस पर लागू होने वाले कानूनों और समस्या के हल तक उस का पहुँच पाना संभव नहीं हो सकता।
यहाँ, इस आलेख का मकसद किसी भी समस्या के कानूनी हल की प्रक्रिया का एक प्रारंभिक रूप रखना है। जिस से तीसरा खंबा, अदालत और जूनियर कौंसिल पर प्रश्नों को रखने वाले पाठक अपनी समस्याओं को विस्तार से रखें। हमें उन की समस्या का हल प्रस्तुत करने में आसानी हो और हल वास्तविक भी हो। हालांकि यह किया जा सकता है कि जहाँ हमें लगे कि समस्या का हल चाहने वाले व्यक्ति से बात करना आवश्यक है, हम उस प्रश्नकर्ता पाठक को हमारा टेलीफोन नम्बर मेल के द्वारा देंगे जिस से उस से बात की जा सके और उस से आवश्यक जानकारियाँ प्राप्त कर हल सुझाया जा सके।
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Great book you pick up
एक प्रश्न मेरा भी वेटिंग में है.
बहुत बढीया जानकारी।
उनके लीये अफसोस है की उनका भाई ही एसा कर रहा है।
jaari rakhiye ,mere prshan ka uttar nahi mila par ?