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‘जन लोकपाल विधेयक’ के मसौदे पर अपनी राय और सुझाव दें

भारत में भ्रष्टाचार पर प्रभावी अंकुश लगाए जाने के लिए अन्ना हजारे के नेतृत्व में जनलोकपाल अधिनियम बनाने के लिए जो अभियान आरंभ हुआ था, उस ने किस तरह एक जनांदोलन का रूप ले लिया इस से आप सभी परिचित हैं। इस अधिनियम को बनाने के लिए विधेयक तैयार करने के लिए केन्द्र सरकार और सिविल सोसायटी के प्रतिनिधियों की संयुक्त समिति का गठन हुआ। लेकिन सरकारी प्रारूप और सिविल  सोसायटी के प्रारूप में जो मतभेद थे वे दूर नहीं किए जा सके। आज ‘इंडिया अगेन्स्ट करप्शन’ ने अपने ‘जन-लोकपाल विधेयक’ का प्रारूप जारी किया है। इस का हिन्दी संस्करण यहाँ LEGALLIB पर अवलोकनार्थ उपलब्ध है। जिसे आप वहाँ जा कर पढ़ सकते हैं। 
से पढ़ने के उपरांत आप इस विधेयक पर अपनी राय और सुझाव यहाँ तीसरा खंबा की इस पोस्ट पर टिप्पणी के रूप में प्रस्तुत कर सकते हैं।   पाठकों की राय और सुझावों को संग्रहीत कर केन्द्र सरकार और सिविल सोसायटी दोनों को प्रेषित कर दिया जाएगा।
… दिनेशराय द्विवेदी
स विधेयक का मसविदा केन्द्र में लोकपाल नामक संस्था की स्थापना के लिए तैयार किया गया है. लेकिन इस विधेयक के प्रावधान इस तरह के होंगे ताकि प्रत्येक राज्य में इसी तरह की लोकायुक्त संस्था स्थापित की जा सके.
जन लोकपाल विधेयक संस्करण 2.2
एक अधिनियम, जो केन्द्र में ऐसी प्रभावशाली भ्रष्टाचाररोधी और शिकायत निवारण प्रणाली तैयार करेगा, ताकि भ्रष्टाचार के विरुद्ध एक प्रभावी तन्त्र तैयार हो सके और भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाने वालों को प्रभावी सुरक्षा मुहैया कराई जा सके.
1. संक्षिप्त नाम और प्रारम्भ-
(1) इस अधिनियम को जन लोकपाल अधिनियम, 2010 कहा जा सकता है.
(2) अपने अधिनियमन के 120वें दिन यह प्रभावी हो जाएगा.
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