घर खरीदने के लिए क्या पॉवर ऑफ अटॉर्नी सुरक्षित है?
| श्री विनय वाजपेयी ने अपनी समस्या प्रेषित की है कि…..
….. मैं एक अनिवासी भारतीय हूँ और आठ वर्षों से संयु्क्त राज्य में हूँ। तीन वर्ष उपरांत भारत लौटने की योजना है। इसलिए मैं भारत में एक घर खरीदना चाहता हूँ। मेरी बहिन घर खरीदने में मेरी मदद कर रही है। मैं केवल रजिस्ट्रेशन के लिए भारत नहीं आना चाहता। क्या मेरी बहिन मेरी ओर से लेन-देन कर सकती है। मैं ने सुना है कि वह इस के लिए पॉवर ऑफ अटॉर्नी देनी पड़ेगी? क्या यह सुरक्षित है?
उत्तर – विनय जी, आप की बहिन या कोई भी अन्य व्यक्ति आप की ओर से घर खरीद सकता है। इस खरीद के लिए घर के विक्रेता को धन की अदायगी करनी होगी विक्रेता या उस का यथाविधि अधिकृत अटॉर्नी (मुख्तार) आप के नाम विक्रय पत्र को संबंधित उपपंजीयक के कार्यालय में पंजीकृत कराएगा। इस में कोई परेशानी नहीं है।
परेशानी यह है कि विक्रयपत्रों के मामलें में फर्जीवाड़े को रोकने के लिए आजकल यह अनिवार्य कर दिया गया है कि विक्रेता और खरीददार के चित्र विक्रयपत्र पर चिपकाए जाएँ। इस में भी कोई परेशानी नहीं है,आप का चित्र उस पर चिपकाया जा सकता है। परेशानी इस बात की है कि आप की अनुपस्थिति में इस बात का निर्णय कैसे हो कि वह चित्र आप का ही है, किसी अन्य व्यक्ति का नहीं? इस का एक हल निकाला जा सकता है कि आप के पासपोर्ट की एक प्रमाणित फोटोप्रति भी साथ में प्रस्तुत की जाए। इस के साथ ही विक्रेता और क्रेता दोनों के चित्र भी उप-पंजीयक के कार्यालय द्वारा तुरंत लिए जा कर रिकॉर्ड का भाग बनते हैं। वहाँ क्रेता की ओर से विक्रेता को मूल्य अदा करने, उस से घर का कब्जा प्राप्त करने और पंजीयन के उपरांत क्रेता की ओर से विक्रयपत्र की पंजीकृत प्रति प्राप्त करने वाले व्यक्ति का भी विक्रयपत्र पर चित्र चिपकाया जाएगा और उप-पंजीयक के कार्यालय द्वारा तुरंत एक चित्र लिया जा कर रिकॉर्ड का भाग बनाया जाएगा। इस के लिए यह भी साबित होना आवश्यक है कि क्रेता का प्रतिनिधित्व करने वाला व्यक्ति उस का सच्चा और वास्तविक प्रतिनिधि है। यह केवल प्रतिनिधि के पक्ष में निष्पादित पॉवर ऑफ अटॉर्नी (मुख्तार नामे) के जरिए ही संभव है। इस पॉवर ऑफ अटॉर्नी पर आप का चित्र और आप के अ़टॉर्नी का चित्र भी लगा हो और प्रमाणित हो तो दोनों की पहचान का काम भी उस के द्वारा हो जाएगा। इस कारण से आप को यदि भारत नहीं आना है तो पॉवर ऑफ अटॉर्नी होना आवश्यक है।
आप की शंका यह है कि क्या यह सुरक्षित है? तो इस का उत्तर यह है कि आप जनरल पॉवर ऑफ अटार्नी निष्पादित न करें। बल्कि उस के स्थान पर स्पेशल पॉवर ऑफ अटॉर्नी निष्पादित करें केवल आप के नाम विक्रय पत्र निष्पादित करने, क्रेता को धनराशि भुगतान करने और घर का कब्जा प्राप्त करने, घर का रखरखाव करने, टैक्स आदि का भुगतान करने, नगर-निगम आदि में घर को आप के नाम दर्ज कराने, घर में आप के नाम से नल, बिजली, गैस, टेलीफोन आदि के कनेक्शन लेने आदि के लिए ही हो, अन्य कार्यों के लिए नहीं हो।
इस मामले में आप की बहिन जहाँ आप के लिए घर खरीदा जा रहा है वहाँ के उप-रजिस्ट्रार कार्यालय से आवश्यक जानकारी हासिल कर सकती है। क्यों कि विभिन्न राज्यों में नियमों में मामूली परिवर्तन हो सकते हैं। इस मामले में यदि आप को विशिष्ठ सूचनाएँ चाहिए, तो आप पुनः हमें लिख सकते हैं।
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एक अच्छी जानकारी . धन्यवाद
यह काम की जानकारी है, बहुत आभार.
बहुत अच्छी जानकारी मिली इस पोस्ट से
अभिषेक ओझाजी के सवाल पर भी गौर फरमाईयेगा
अगर एक भाई के पास पॉवर ऑफ़ अटोर्नी है ओर उसे अपने हिस्से में माकन बनाना है बैंक से लोन लेने के लिए क्या दोनों भाइयो का आवेदन करना जरूरी है ?
उपयोगी जानकारी…कुछ तो समझ आया ये मामला..
लेकिन आजकल तो finger print भी तो लेते है.. वो कैसे होगा?
धन्यवाद
यह जानकारी मेरे लीये भविसय मे काम आएगा।
बहुत बढीया जानकारी है।
बहुत ही अच्छी जानकारी दी है आपने . धन्यवाद .
ये काम की बात रही जी। धन्यवाद।
ये तो काम की जानकारी है अब ये भी बताइये: मान लीजिये मैं लोन लेकर घर खरीदता हूँ जिसका एक उद्देश्य टैक्स बचाना भी है. मैं घर अपनी माँ के नाम पर खरीदना चाहता हूँ. तो क्या ये सम्भव है की मैं लोन अपने नाम पर लूँ, घर माँ के नाम पर. और टैक्स लाभ भी मिले?
अत्यन्त महत्वपूर्ण जानकारी दी आपने धन्यवाद !
बहुत अच्छी जानकारी।
पता नहीं कितने ही व्यक्तियों को इसकी आवश्यकता होती होगी।
बातें छोटी-छोटी लेकिन बडे काम की । जानकारी और पारदर्शि का अभाव, बिचौलियों की पौ बारह कर देता है । काश । आपकी ये पोस्टें सार्वजनिक हो पातीं ।
मैं चला इसे अपने एक मित्र को मेल करने जो छः साल से यू.एस.ए. में है और अब भारत आने का सोच रहा है..
धन्यवाद..
शायद आप स्वयं अनुमान नहीं लगा सकते कि इस तरह की जानकारी हम जैसे कानून से अनजान लोगों के लिए कितनी उपयोगी है । धन्यवाद ।
घुघूती बासूती
ये मुद्दा काम का है –
हमेँ भी जानना था इसे..
धन्यवाद !
– लावण्या