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परिवादी की आवाज का नमूना लेने और उस की जाँच कराने के लिए न्यायालय आदेश दे सकता है

समस्या-

वाराणसी, उत्तर प्रदेश से आई.पी. सिंह ने पूछा है-

मैं वाराणसी के अधीनस्थ न्यायालय में प्रेक्टिस कर रहा हूँ।  एक मुकदमे में मैं अभियुक्त का वकील हूँ। धारा 376 आईपीसी का मामला है। लड़के और लड़की के बीच फोन पर हमेशा बात होती थी जिस की सीडी हम ने न्यायालय में प्रस्तुत कर दी जिसे सुन कर लड़की ने मना कर दिया कि यह मेरी आवाज नहीं है। तब मैं ने न्यायालय से प्रार्थना की कि इस में जो आवाज है वह लड़की की है या नहीं। तब जज साहब ने प्रश्न किया कि किस कानून के अंतर्गत जाँच कराई जा सकती है? ये बताएँ।  मैं ने न्यायालय से कानूनी उपबंध बताने के लिए समय ले लिया है। कानून खूब छाना लेकिन मुझे नहीं मिला। कृपया आप मार्गदर्शन करें।

समाधान-

प के इस मामले में कानून का कोई सीधा उपबंध  उपलब्ध नहीं है। किन्तु कुछ अन्य उपबंधों का उपयोग करते हुए कोई भी न्यायालय परिवादी की आवाज का सेंपल लेने और उसे विधि विज्ञान प्रयोगशाला को जाँच के लिए प्रेषित करने का आदेश दे सकता है।

स संबंध में आप दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा विनोद कुमार बनाम दिल्ली सरकार के मामले में दिनांक 5 जुलाई 2012 को पारित निर्णय का उपयोग कर सकते हैं। इस निर्णय को यहाँ क्लिक कर के पढ़ा जा सकता है। इस मामले की परिस्थितियाँ बिलकुल आप के मामले जैसी हैं।  इस मामले में भी लिव-इन-रिलेशन की स्वीकृति स्त्री द्वारा दी गई थी और बाद में आप की ही तरह का मामला भारतीय दंड संहिता की धारा 313/493/495/306/376/494/120B के अंतर्गत दर्ज कराया गया था। परिवादी के बयान के समय टेपरिकार्ड प्रस्तुत किया गया था। परिवादी से टेप रिकार्ड पर दर्ज आवाज सुना कर पूछे जाने पर उस ने रिकार्ड की गई आवाज अपनी होने से इन्कार कर दिया था।  इस पर अभियुक्त ने परिवादी की आवाज का सेंपल ले कर उस की विधि विज्ञान प्रयोगशाला से जाँच कराने के लिए निवेदन किया था। दिल्ली उच्च न्यायालय ने परिवादी की आवाज का सेंपल लेने और उस की विधि विज्ञान प्रयोगशाला से जाँच कराने तथा विशेषज्ञ की राय  जानने का आदेश इस मामले में दिया है।

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