राजद्रोह पर बहस, लेकिन बिनायक सेन के जमानत आदेश में कुछ नहीं
|S U P R E M E C O U R T O F I N D I A
RECORD OF PROCEEDINGS
Petition(s) for Special Leave to Appeal (Crl) No(s).2053/2011
(From the judgement and order dated 10/02/2011 in IA No. 1/2011 in
CRLA No. 20/2011 of The HIGH COURT OF CHATTISGARH AT BILASPUR)
BINAYAKSEN Petitioner(s)
VERSUS
STATE OF CHHATISGARH Respondent(s)
(With appln(s) for exemption from filing O.T.,bail,BRINGING ON
RECORD ADDL. FACTS and office report )
Date: 15/04/2011 This Petition was called on for hearing today.
CORAM :
HON’BLE MR. JUSTICE HARJIT SINGH BEDI
HON’BLE MR. JUSTICE CHANDRAMAULI KR. PRASAD
For Petitioner(s) Mr. Ram Jethmalani,Sr.Adv.
M/s. lata Krishnamurthy,R.N.Karanjawala,
Manik Karanjawala, Sandeep Kapur,
Shivek Trehan, Udit Mendiratta,
Nitya Ramakrishnan and Rahul Kripalani
and Akhil Sachar,Advs.for
M/S. Karanjawala & Co.
For Respondent(s) Mr. Mukul Rohtagi,Sr.Adv.
Mr. U.U.Lalit,Sr.Adv.
Mr. Atul Jha,Adv.
Mr. Sandeep Jha,adv.
Mr. D.K.Sinha,Adv.
Mr. R.S.Suri,Sr.Adv.
Mr. Rana Mukherjee,Adv.
Mr. Merusagar Samantaray,Adv.
Mr. Vikramjit Banerjee,Adv.
Mr. Rajiv Singh,adv.
Mr. S.Shamshery,Adv.
UPON hearing counsel the Court made the following
The SLP is disposed of.
बहुत अच्छा हुआ और शाहनवाज की टिप्पणी से भी सहमत हूँ.
सर्वोच्च न्यायालय का फैसला पढ़ाने के लिए आभार।
बिनायक सेन की रिहाई से बहुत खुशी हुई।
शाहनवाज की टिप्पणी से सहमत
जुल्म के विरुध तो आवाज ऊठाने का सब को हक बराबर मिलना चाहिये ना, वर्ना जालिम को कोन रोकेगा,
बात ठीक है… लेकिन किसी को भी किसी तरह के भी सशस्त्र आन्दोलन के प्रति सहानुभूति रखने की इजाज़त नहीं होनी चाहिए… हर किसी को आन्दोलन करने का हक है, लेकिन सशस्त्र आन्दोलन बर्दाश्त नहीं किये जाने चाहिए….
राजद्रोह व मृत्युदण्ड को खेल नहीं बनाया जाना चाहिये कि जब चाहो किसी पर भी थोप दो. मुझे गर्व है कि उच्चतम न्यायालय आज भी अपना विधिसम्मत कार्य पूर्ण निष्ठा से संपन्न करता है.