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विधानसभा चुनाव में प्रत्याशी होने के लिए शासकीय निगमों और कंपनियों के कर्मचारियों के लिए पूर्व शर्तें

तीसरा खंबा के 19 अक्टूबर के आलेख भारत सरकार या राज्य सरकार में लाभ का पद धारण करने वाला विधानसभा प्रत्याशी नहीं हो सकता ? पर टिप्पणी करते हुए विष्णु बैरागी जी ने  भारतीय जीवन बीमा निगम का उल्लेख करते हुए प्रश्न किया कि भारतीय जीवन बीमा निगम के कुछ कर्मचारियों ने चुनाव से पर्याप्‍त समय पूर्व, चुनाव लडने की अनुमति मांगी थी । उन्‍हें अनुमति मिली तो जरूर, लेकिन चुनाव हो जाने के बाद । क्‍या यह सम्‍भव है कि चुनाव से, महीने-दो महीने पहले अनुमति मांगने वाला कर्मचारी, अनुमति न मिलने पर चुनाव लड़ सके? उसने तो भरपूर समय पहले अनुमति मांगी । अनुमति मिलने में देर हो तो उसका क्‍या दोष? 

बैरागी जी के प्रश्न का उत्तर खोजने के लिए हमें जन प्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा-10 को देखना होगा। जो निम्न प्रकार है-

10. Disqualification for office under Government company.  

A person shall be disqualified if, and for so long as, he is a managing agent, manager or secretary of any company or corporation (other than a cooperative society) in the capital of which the appropriate Government has not less than twenty-five percent share. 

इस अधिनियम की यह धारा-10 सहकारी समितियों के अलावा किसी भी ऐसी कंपनी या कारपोरेशन के प्रबंधकीय अभिकर्ताओं या प्रबंधकों या सचिवों को, जिस की पूँजी में  उचित सरकार की पच्चीस प्रतिशत से अधिक शेयर लगे हों चुनाव में प्रत्याशी होने से रोकती है। 

लेकिन जो अधिकारी और कर्मचारी उक्त श्रेणी में नहीं आते वे शौकिया चुनाव लड़ सकते हैं यदि उन की सेवा शर्तें उन के चुनाव में प्रत्याशी होने में बाधा नहीं डालती हों। उन्हें चुनाव में प्रत्याशी होने के लिए अपने नियोजक की अनुमति लेने की आवश्यकता नहीं है। वे बिना अनुमति चुनाव में प्रत्याशी हो सकते हैं। कोई भी रिटर्निंग अधिकारी उन का नामांकन इस आधार पर निरस्त नहीं कर सकता। 

हाँ, यदि उन की सेवा शर्तों के अनुसार विधानसभा चुनाव में प्रत्याशी होने के लिए अनुमति लेना आवश्यक हो ते यह सेवा शर्तों का एक उल्लंघन होगा और प्रत्याशी होने पर एक दुराचरण माना जाएगा। इस कारण से प्रत्याशी होने के कारण चुनाव के दौरान या उस के बाद उन्हें इस दुराचरण के लिए आरोप पत्र मिले और जाँच के उपरांत नौकरी पर आँच आए तो उस के लिए प्रत्याशी कर्मचारियों को तैयार रहना होगा। 

यहाँ मैं यह स्पष्ट कर देना उचित समझता हूँ कि जब भी कोई व्यक्ति किसी नियोजक के यहाँ नियोजन प्राप्त करता है तो वह नियोजन की सारी शर्तों को स्वीकार करता है। यदि वह उन शर्तों में से किसी एक या एकाधिक का उल्लंघन करता है तो उसे उस के परिणामों के लिए तैयार रहना चाहिए।

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