सही और उचित कानूनी सलाह के लिए तथ्यों की पूरी और सिलसिलेवार जानकारी जरूरी है
हम दो भाई और एक बहिन हैं। सभी विवाहित हैं। हम दोनों भाई माँ के घर में रहते हैं। माँ 63 वर्षीय विधवा हैं। बहिन ससुराल में रहती है। मैं अपनी वित्तीय स्थिति अच्छी नहीं होने के कारण पूरी तरह से मेरी माँ पर निर्भर हूँ। मेरे भाई की आर्थिक स्थिति अच्छी और सुदृढ़ है तथा उस के पास उस की पत्नी और उस के ससुराल वालों के नाम से अच्छी संपत्तियाँ हैं। दो वर्ष पहले भाई माँ की संपत्ति से वंचित कर दिया गया है। वर्तमान में जिस संपत्ति पर हम रहते हैं उसे बेचना चाहती है। लेकिन भाई चाहता है कि संपूर्ण संपत्ति को बेच कर आधा हिस्सा उसे दे दिया जाए। वह जिस हिस्से में रहता है उसका कब्जा छोड़ने को तैयार नहीं है। वह बहस करता है और संपत्ति का और अधिक शेयर लेने के लिए दबाव बनाता है।
कृपया सलाह दें कि इस स्थिति में हमें भाई के उत्पीड़न से बचने के लिए क्या करना चाहिए? और हमें क्या आवश्यक कदम और सुरक्षात्मक उपाय करने चाहिए?
अजय कुमार जी,
आप को तीसरा खंबा की ओर से तीन बार मेल प्रेषित कर आप की उक्त समस्या के बारे में विस्तृत जानकारी जानने का प्रयत्न किया गया था, किन्तु आप का कोई उत्तर प्राप्त नहीं हुआ है। हम यह जानना चाहते थे कि जिस मकान में आप रहते हैं, वह आप की माँ के नाम कैसे आया है? और दूसरी क्या संपत्ति है? वह किस के नाम है? और किस तरह से आप की माँ को या परिवार को प्राप्त हुई है?
आप ने समस्या को जिन तथ्यों के साथ सामने रखा है। उस से कुछ स्पष्ट नहीं हो रहा है। कानून उत्तराधिकार में प्राप्त संपत्ति के बंटवारे के मामले में आर्थिक स्थिति का भेद नहीं देखता है। यदि आप की संपत्ति संयुक्त हिन्दू परिवार की संपत्ति है तो बंटवारे के अलावा कोई चारा नहीं है। इस स्थिति में संपत्ति के चार हिस्से होंगे और आप के भाई को एक भाग प्राप्त होगा। बाकी आप, आप की बहिन और आप की माता जी के तीन हिस्सों का आप तीनों सहमति से किसी भी प्रकार से बंटवारा कर सकते हैं। इस तरह से आप की माता जी और बहन आप की मदद कर सकती हैं। जिस तरह की मनोवृत्ति आप के भाई की बन गई है वैसी हालत में उन से किसी प्रकार की उदारता की कल्पना करना तो ठीक नहीं है। हाँ बचाव करना आवश्यक है।
जैसा आप ने बताया है कि संपत्ति माता जी के नाम है, तो यह जानना आवश्यक है कि उन के नाम यह कैसे आई है? इस के लिए यह जरूरी है कि आप पुनः तीसरा खंबा से संपर्क करें। आप चाहें तो सीधे उस मेल पते पर संपर्क कर सकते हैं जिस के द्वारा आप को मेल किया गया है। आवश्यक हुआ तो आप के साथ चैट मीटिंग भी की जा सकती है। आप को सुरक्षात्मक उपाय और आवश्यक कदम भी सुझाए जा सकते हैं। लेकिन उस के लिए पहले तथ्यों की सिलसिलेवार पूरी जानकारी प्राप्त होना आवश्यक है। उस के लिए यह भी आवश्यक है कि आप संपर्क करें।
अधूरी जानकारी के साथ दी गई सलाह न केवल अनुपयोगी हो सकती है, अपितु उस के आधार पर उठाया गया कोई भी कदम लाभकारी होने के स्थान पर कभी नुकसानदायक भी हो सकता है।
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डाक्टर और वकील से कुछ भी नहीं छुपाना चाहिए । अपूर्ण सूचनाओं से पूर्ण समाधान कभी नहीं मिल पाता । प्रतीत होता है कि अपनी सूचनाएं उजागर करने में मानसिक बाधा होती है । सम्भवत लोकोपवाद की आशंका से ।
यह सब होते हुए भी आप अधिकाधिक सहायता कर रहे हैं ।
दिनेश जी अगर यह संपत्ति जो मां के नाम है, वह संपति मां ने शादी के बाद बनबाई हो तो ?यानि इन बच्चो के पिता ने मेहनत करके अपनी बीबी के नाम से बनबाई हो तो?उस रुप मे क्या होगा,ओर अगर संपत्ति तो मां के नाम से है, लेकिन बडे भाई ने भी इस संपत्ति बनाने मे सहयोग दिया हो तो??
आप ने बहुत ही अच्छी जानकारी दी है.
धन्यवाद
निश्चित है कि जानकारी पूरी होनी चाहिये। मैने देखा है कई वकील पूरी जानकारी लेने के फेर में नहीं पड़ते – केवल दाव-पेंच की प्रक्रिया का खेल खेलना चाहते हैं।
और आप भी मानेंगे कि वे अधिक सफल नहीं होते!
a question related to this post is
do parents have a right to give their earned property { the property was not in herrited } to just one child if the child is economicaaly not as sound as the other child . can such a will be challenged in court of law by the child who is economically sound.
aap ki post se har baar kuchh na kuchh nayee jaankari mil rahi hai.
dhnywaad.
आप एक पाठक के सवाल का जवाब देकर अनेको की इच्छा पुरी कर देते हैं और निरंतर जानकारी बढ़ती जा रही है ! धन्यवाद !
दिनेशजी, आप ये अच्छा काम कर रहे हैं, इस तरह से सलाह देकर। एक आम आदमी के लिये काफी मदद वाला साबित हो सकता है।